हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण जनजीवन ठप, 1,311 सड़कें बंद, स्कूल भी बंद, बारिश को लेकर ‘रेड अलर्ट’

स्थानीय मौसम विभाग ने आज के लिए राज्य के कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है और अगले दिन भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हाहाकार है। बारिश के कारण रेल और सड़क सेवा बाधित हो चुकी है। कई रास्तें बंद है, तो कई ट्रेनों को बंद किया गया है। खबरों के मुताबिक, 6 राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 1,311 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गईं और स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं।

मौसम विभाग का रेड अलर्ट जारी

स्थानीय मौसम विभाग ने आज के लिए राज्य के कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है और अगले दिन भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है।

राज्य के मंडी में 289, शिमला में 241, चंबा में 239, कुल्लू में 169 और सिरमौर जिले में 127 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं।

आंतरिक क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है, जहां सड़कें कई दिनों तक अवरुद्ध रहती हैं और सेब उत्पादक अपनी फसल को बाजारों तक भेजने में असमर्थ हैं।


अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को शिमला-कालका रेलमार्ग पर भूस्खलन के बाद रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। यह सेवा पांच सितंबर तक स्थगित रहेगी।

कुल्लू जिले के आनी क्षेत्र में भूस्खलन के कारण एक निर्माणाधीन मकान क्षतिग्रस्त हो गया। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है क्योंकि मकान को 2023 की मानसून आपदा के दौरान संकटग्रस्त घोषित कर दिया गया था और उसे खाली करा दिया गया था।

सोमवार को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत 9 जिलों के स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया गया।

इन जगहों पर स्कूल बंद

मंगलवार को शिमला, कांगड़ा, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, लाहौल एवं स्पीति और सोलन जिलों के अलावा कुल्लू जिले के बंजार, कुल्लू और मनाली उपमंडल में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहे।

अधिकारियों ने बताया कि चंबा जिले में फंसे लगभग 5,000 मणिमहेश तीर्थयात्रियों को वापस घर भेजने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 16 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।


सबसे ज्यादा इन जगहों पर बारिश

नैना देवी में सोमवार शाम से 198.2 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो राज्य में सबसे ज़्यादा है। रोहड़ू में 80 मिमी, जोत में 61.2 मिमी, बग्गी में 58.5 मिमी, कुकुमसेरी में 55.2 मिमी, नादौन में 53 मिमी, ओलिंदा में 50 मिमी, नंगल बांध में 49.8 मिमी, ऊना में 49 मिमी, भुंतर में 47.7 मिमी, सराहन में 47.5 मिमी, बंजार में 42 मिमी और बिलासपुर में 40.2 मिमी बारिश हुई।

95 बार अचानक बाढ़, 45 बार बादल फटने और 115 भीषण भूस्खलन

हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून के दस्तक देने के बाद से राज्य में 95 बार अचानक बाढ़, 45 बार बादल फटने और 115 भीषण भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस मानसून में अब तक राज्य को 3,158 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।