द्वाबा विकास एवं उत्थान समिति ने आयोजित किया स्तनपान सप्ताह, गांव-गांव जाकर बताया मां के दूध का महत्व
द्वाबा विकास एवं उत्थान समिति के सचिव परवेज रिजवी ने बताया कि स्तनपान सप्ताह के दौरान मंझनपुर, कौशाम्बी, सरसवां, सिराथू, मूरतगंज विकास खंड के 60 गांवों में घर-घर जाकर जनवरी से जुलाई के बीच जन्मे 406 बच्चों की मांओं को स्तनपान के महत्व के बारे में बताया गया।
पूरे विश्व में एक अगस्त से 7 अगस्त तक स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। बाल स्वास्थ्य पोषण के स्तर में सुधार, बच्चों के कुपोषण और शिशु और बाल मृत्यु में कमी के लिए कार्यरत सामाजिक संस्था द्वाबा विकास एवं उत्थान समिति के सचिव परवेज़ रिज़वी ने बताया कि संस्था के द्वारा स्तनपान सप्ताह के दौरान धात्री माताओं के साथ 60 गांवों में अभियान चलाया गया।
उन्होंने बताया कि मंझनपुर, कौशाम्बी, सरसवां, सिराथू, मूरतगंज विकास खंड के 60 गांवों मे जनवरी से जूलाई 2020 के मध्य जन्म लेने वाले 205 बालक और 201 बालिकाओं समेत कुल 406 बच्चों की माताओं के साथ संस्था के कार्यकताओं के द्वारा उनके घर जाकर स्तनपान के महत्व के बारे में चर्चा की गई। इस दौरान कोरोना वायरस को लेकर सरकार द्वारा जारी सभी दिशानिर्देशों का पालन किया गया।
उन्होंने बताया कि स्तनपान सप्ताह के दौरान संस्था की महिला समन्वयक बेबी नाज और संगीता देवी और संस्था द्वारा गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं की देखभाल और परामर्श के लिए मुकीमपुर गांव में संचालित स्वस्थ्य पोशण परामर्श केंद्र की परामर्शदाता रश्मि यादव के द्वारा संस्था की महिला कार्यकर्ता चन्द्रकली, कमला देवी और फूलपती के साथ मिलकर धात्री माताओं के साथ विषेश सत्रों का आयोजन किया गया।
इस दौरान नवजात शिशुओं को जन्म के तुरंत बाद स्तनपान कराने और छः माह तक सिर्फ स्तनपान कराने के महत्व को सूचना, शिक्षा और संवाद तकनीक का प्रयोग करके चित्र के जरिये समझाया गया। साथ ही लैपटॉप और प्रोजेक्टर के माध्यम से वीडियो फिल्म दिखाते हुए स्तनपान के सही तरीके और फायदे के बारे में जानकारी दी गई। सत्र में माताओं और अभिभावको को समझाने का प्रयास किया गया कि बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का मूलमंत्र बच्चे को जन्म के तुरन्त बाद और छः माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान है।
स्तनपान सप्ताह दौरान संस्था के द्वारा चलाए गए जागरूकता अभियान में 406 बच्चों की माताओं के साथ-साथ घर के पुरूष सदस्यों को भी जन्म के तुरंत बाद और छः माह तक स्तनपान के लाभ के बारे में जानकारी दी गई।
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