हरियाणा विधानसभा में दूसरे दिन भी भारत जोड़ो यात्रा की गूंज, BJP का निकला दर्द, कांग्रेस विधायकों ने लगाए नारे

इससे पहले कौशल रोजगार निगम और रोजगार के सवाल पर सीएम खट्टर और नेता विपक्ष भूपेंद्र हुड्डा के बीच तगड़ी भिड़ंत हुई। जिस पर कांग्रेस के सभी विधायक वेल में आ गए और सरकार पर खूब बरसे। इसके बाद जवाब से असंतुष्‍ट कांग्रेस के सभी विधायकों ने वाकआउट कर दिया।

फोटोः सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी भारत जोड़ो यात्रा की गूंज सुनाई दी। भारत जोड़ो यात्रा को लेकर सरकार का दर्द आखिर सामने आ गया। इस पर कांग्रेस विधायकों ने मोर्चा संभाल लिया और सदन में जोड़ो-जोड़ो, भारत जोड़ो के नारे गूंजने लगे। कांग्रेस के सभी विधायक नेता विरोधी दल भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्‍व में वेल में आ गए। कांग्रेस विधायक सरकार पर खूब बरसे। इससे पहले रोजगार के सवाल पर सीएम खट्टर और हुड्डा के बीच तगड़ी भिड़ंत हुई, जिसके बाद मुख्‍यमंत्री के जवाब से असंतुष्‍ट कांग्रेस के सभी विधायकों ने वाकआउट कर दिया।  

शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सरकार कई मसलों पर बुरी तरह फंसी रही। विपक्ष के सवालों का उसके पास कोई जवाब नहीं था। सरकार और विपक्ष के बीच टकराव के हालात बने लंच के बाद। दो ध्‍यानाकर्षण प्रस्‍ताव पर चर्चा सरकार पर अधिक भारी पड़ी। प्रदेश में एक कंपनी के जरिये करवाए गए सरकार के सर्वे में चिन्हित कर बनाई गई 42 लाख 70 हजार प्रॉपर्टी आईडी में से 15 लाख प्रापर्टी आईडी में गंभीर गड़बड़ियां पाई गई हैं। सरकार इस पर पहले से ही बैकफुट पर है। इस पर कांग्रेस के विधायकों ने ध्‍यानाकर्षण प्रस्‍ताव लगाया था।

स्‍थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्‍ता सदन में लिखित बयान पढ़ रहे थे। अचानक मंत्री द्वारा एक होर्डिंग पर भारत जोड़ो यात्रा का पोस्‍टर चिपका दिए जाने के बहाने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर मोती लाल नेहरू तक का नाम लेने पर विपक्ष के विधायक भड़क गए। आश्‍चर्य इस बात का है कि विषय लाखों प्रापर्टी आईडी में पूरे राज्‍य में पाई गई गंभीर अनियमितताओं का था। दूर-दूर तक भारत जोड़ो यात्रा का इससे कोई नाता नहीं था।

उससे भी आश्‍चर्य की बात यह है कि विषय से थोड़ा भी भटकने पर काफी सख्‍ती से विधायकों को टोकने वाले स्‍पीकर ज्ञानचंद गुप्‍ता ने मंत्री कमल गुप्‍ता को यह सब बोलने दिया। इस दौरान वह पूरी तरह खामोश रहे, लेकिन कांग्रेस विधायक इस पर बिफर गए। सभी विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान जोड़ा-जोड़ो भारत जोड़ो के नारे लगे।


कांग्रेस विधायक शकुंतला खटक ने कहा कि यह तो मंत्री बनने के लायक ही नहीं है। विधायक शमशेर गोगी भी यही बात दोहराते दिखे। बात बिगड़ती देखकर स्‍पीकर ज्ञान चंद गुप्‍ता अचानक नींद से जाग पड़े। कांग्रेस विधायकों का गुस्‍सा शांत करने के लिए स्‍पीकर ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा को लेकर जो भी बातें कही गई हैं वह सभी सदन के रिकार्ड से डिलीट कर दी जाएंगी।

दरअसल, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता को लेकर बीजेपी सरकार का दर्द मंत्री के जरिये बाहर आ गया। मुख्‍यमंत्री के भी एक तरह से मंत्री के समर्थन में खड़े हो जाने से इस बात की तस्‍दीक हो गई। इससे पहले कौशल रोजगार निगम के जरिये युवाओं को दी जा रही नौकरियों के नाम पर गंभीर गड़बड़ियों को लेकर कांग्रेस विधायकों के ध्‍यानाकर्षण प्रस्‍ताव पर चर्चा में भी सरकार बैकफुट पर थी। विपक्ष के विधायक सरकार पर खूब बरसे।

नेता विरोधी दल भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सवाल उठाया कि इसके जरिये हो रही नियुक्तियों का आधार क्‍या है। सरकार कौशल निगम के जरिए पढ़े-लिखे और योग्य युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। कम वेतन में कच्ची नौकरी लगवाकर युवाओं का शोषण किया जा रहा है। हुड्डा ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक बच्‍ची को 6 दिसंबर को नौकरी दी जाती है और 9 दिसंबर को उसे निकाल दिया जाता है। यह बच्‍चों के भविष्‍य के साथ खेल है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि नौकरियों में ठेका प्रथा खत्‍म करने के नाम पर सरकार खुद ठेकेदार बन गई है। न तो किसी को नौकरी देने का आधार है और न किसी को निकालने का आधार है। सरकार तुरंत इस निगम को बंद करे। हुड्डा का कहना था कि कौशल रोजगार निगम का मकसद पक्की नौकरियों, मेरिट, आरक्षण और भर्ती संस्थाओं को खत्म करना है। सरकार का काम ठेका प्रथा को खत्म करके पक्की नौकरियां देना है, लेकिन इसके विपरीत सरकार पक्की नौकरियों को खत्म करके ठेका प्रथा को बढ़ावा दे रही है।


विधायक बीबी बत्रा ने कहा कि इसे सरकारी लिमिटेड कंपनी क्‍यों बना दिया गया है। यह एक स्‍कैंडल है। कभी भी किसी को नौकरी से निकाल दिया जा रहा है। वरुण चौधरी ने कहा कि किसी को दो महीने में तो किसी को 6 महीने में नौकरी से निकाल दिया जा रहा है। इसकी पारदर्शिता क्‍या है। निर्दलीय बलराज कुंडू ने कहा कि युवा हताश हैं। हरियाणा बेरोजगारी में नंबर एक है। कौशल निगम का पोर्टल कब खुलता है और कब बंद होता है पता ही नहीं चलता। बेरोजगारी की हालत ये है कि इसमें 30 हजार की नौकरी के लिए सिविल इंजीनियर तक अप्‍लाई कर रहे हैं। क्‍या जिंदगी भर बच्‍चे इसी में पड़े रहेंगे।

इन सबके जवाब में मुख्‍यमंत्री के रिप्‍लाई से सब कुछ स्‍पष्‍ट हो गया कि सरकार की आखिर मंशा क्‍या है। सीएम ने कहा कि यह तो आउटसोर्सिंग एक विकल्‍प हमने दिया है। इसमें किसी को पक्‍की नौकरी नहीं मिलेगी। प्रारंभिक नौकरी सिर्फ एक साल के लिए होगी। हुड्डा और सीएम के बीच इसे लेकर जमकर भिड़ंत हुई। अंत में मुख्‍यमंत्री के जवाब से असंतुष्‍ट सभी कांग्रेस विधायकों ने हुड्डा के नेतृत्‍व में वाकआउट कर दिया।

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