देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ केस करना वकील को पड़ा मंहगा, ED ने घर पर छापेमारी के बाद भाई समेत हिरासत में लिया

साल 2018 में उके ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर सीबीआई जज बीएच लोया के परिवार के लिए मुआवजे की मांग की थी, जिनकी 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। इसके बाद उके को 17 साल पहले के एक कथित मामले के लिए गिरफ्तार किया गया था।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार तड़के महाराष्ट्र के जाने-माने वकील सतीश उके और उनके भाई प्रदीप उके के पार्वती नगर स्थित घरों पर छापेमारी की। इसके बाद ईडी अधिकारियों ने सतीश उके को हिरासत में ले लिया और पूछताछ के लिए साथ लेते गए। ईडी की एक टीम सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के साथ सुबह करीब पांच बजे उके के आवास पर उतरी और तलाशी अभियान शुरू किया।

वकील सतीश उके महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ अभियान चलाने और उनके खिलाफ कम से कम दो चुनाव याचिका दायर करने के लिए प्रसिद्ध हैं। इससे पहले, उन्होंने एक आरटीआई कार्यकर्ता मोहनीश जबलपुर का प्रतिनिधित्व किया था, जिन्होंने अगस्त-सितंबर 2019 में ईडी के साथ दो शिकायतें दर्ज की थीं, जिसमें फडणवीस के खिलाफ निजी क्षेत्र की इकाई, एक्सिस बैंक के लिए काम करने वाली उनकी पत्नी अमृता के पक्ष में विभिन्न कथित कार्यों के लिए जांच की मांग की गई थी।


अन्य आरोपों के अलावा, जबलपुर ने फडणवीस पर (तत्कालीन) मुख्यमंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करके सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से विभिन्न सरकारी विभागों के वेतन खातों को एक्सिस बैंक में स्थानांतरित करवाने का आरोप लगाया था ताकि उनकी पत्नी और एक्सिस बैंक का पक्ष लिया जा सके। जबलपुरे ने कहा था कि मेरी शिकायतों को अब लगभग 3 साल हो गए हैं, लेकिन ईडी ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है, हालांकि मैंने उन्हें सभी सबूत उपलब्ध कराए हैं।

इससे पहले, 2018 में उके ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर सीबीआई न्यायाधीश बीएच लोया के परिवार के लिए मुआवजे की मांग की थी, जिनकी 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद, उके को 17 साल पहले किए गए कुछ कथित अपराधों के लिए गिरफ्तार किया गया था।


पिछले हफ्ते ही उके ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले के वकील के रूप में आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ सनसनीखेज फोन टैपिंग मामले में 500 करोड़ रुपये के मानहानि का मुकदमा दायर किया था। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि किस विशेष मामले के लिए केंद्रीय एजेंसी उके की जांच कर रही है। हालांकि एक संपत्ति लेनदेन पर अटकलें हैं जो कथित तौर पर ईडी स्कैनर के तहत है।

शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने उके के घर पर ईडी की छापेमारी की निंदा की और कहा कि चूंकि वह राज्य कांग्रेस प्रमुख के वकील हैं, इसलिए उन पर कार्रवाई हुई है। अगर पटोले पर भी छापा मारा जाता है तो यह आश्चर्य की बात नहीं होगी। राउत ने दोहराया कि कैसे केंद्र और बीजेपी केंद्रीय जांच एजेंसियों की मदद से महा विकास अघाड़ी सरकार को गिराने के अपने प्रयासों में विशेष रूप से महाराष्ट्र में आधिकारिक मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं।

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