चुनाव आयोग का दावा- बिहार में SIR का पहला चरण पूरा, हटेंगे 65 लाख वोटर के नाम, राजनीतिक दलों को लिस्ट सौंपी गई
निर्वाचन आयोग ने दावा किया है कि फॉर्म ना भरने वाले, मृतक और स्थायी रूप से प्रवास कर चुके वोटरों की लिस्ट राज्य के सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों से साझा की जा चुकी है। आयोग के अनुसार, 20 जुलाई को ही राजनीतिक दलों को यह लिस्ट दे दी गई है।

बिहार में चुनाव से पहले शुरू हुए वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण पर जारी विवाद के बीच निर्वाचन आयोग ने आज दावा किया कि राज्य में एसआईआर का पहला चरण पूरा हो गया है। आयोग ने दावा किया कि पूरे राज्य में चलाए गए इस अभियान के दौरान 22 लाख वोटर मृत मिले। साथ ही 7 लाख लोग ऐसे भी मिले, जो एक से ज्यादा जगहों पर वोटर हैं। वहीं, करीब 35 लाख वोटर प्रवास कर चुके हैं, जबकि करीब 1.2 लाख वोटरों का गणना फॉर्म नहीं मिला है। ऐसे में पहले चरण के बाद बिहार के वोटर लिस्ट से 65.2 लाख वोटरों के नाम हट सकते हैं। साथ ही आयोग ने दावा किया कि ऐसे वोटर्स की लिस्ट राज्य के सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों को 20 जुलाई को ही सौंपी जा चुकी है।
बिहार के 7.23 करोड़ वोटरों ने SIR प्रक्रिया में भाग लिया
निर्वाचन आयोग द्वारा आज जारी प्रेस नोट में बताया गया कि बिहार में 7.23 करोड़ वोटरों ने एसआईआर की प्रक्रिया में भाग लिया। आयोग ने बताया कि अब तक इस प्रक्रिया में बिहार के 99.86 प्रतिशत वोटर कवर किए जा चुके हैं। आयोग के मुताबिक, बिहार के 7.9 करोड़ वोटर में से एसआईआर की प्रक्रिया के दौरान 22 लाख मतदाता मृत पाए गए, 35 लाख ऐसे पाए गए जो बिहार से स्थाई तौर पर बाहर चले गए हैं, 7 लाख का नाम दो जगहों पर पाया गया और 1.2 लाख मतदाताओं ने गणना प्रपत्र ही नहीं भरा।
65.2 लाख मतदाताओं के नाम होंगे बाहर
ऐसे में करीब 65.2 लाख मतदाताओं के नाम 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाले ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल से बाहर हो जाएंगे। हालांकि, आयोग ने यह साफ किया है कि ऐसे सभी मतदाता जो अब तक फॉर्म नहीं भर पाए हैं उनके पास अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए 1 सितंबर तक मौका है। ऐसे सभी लोगों को फॉर्म 6 के साथ 11 में से कोई एक दस्तावेज चुनाव आयोग को भर के देना होगा।
नाम कटने वालों की लिस्ट राजनीतिक दलों को सौंपी गई
निर्वाचन आयोग के प्रेस नोट में यह भी बताया गया है कि फॉर्म ना भरने वाले, मृतक और स्थायी रूप से प्रवास कर चुके वोटरों की लिस्ट राज्य के सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों से साझा किया जा चुका है। आयोग के अनुसार, 20 जुलाई को ही राजनीतिक दलों की यह लिस्ट दे दी गई है। ताकि किसी भी त्रुटि को एक अगस्त को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची में सुधारा जा सके।
एक अगस्त को प्राकशित होगी रिपोर्ट
निर्वाचन आयोग ने यह भी बताया कि अभी तक बिहार के 7.23 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं। ये सभी फॉर्म डिजिटाइज भी हो चुके हैं। बाकी वोटरों के फॉर्म की बीएलओ की रिपोर्ट के साथ डिजिटाइज होने का काम एक अगस्त तक पूरा हो जाएगा। आयोग ने यह भी कहा कि एक अगस्त से एक सितंबर तक कोई भी निर्वाचक या राजनीतिक दल किसी योग्य वोटर का नाम छूटने की आपत्ति ईआरओ फॉर्म भरकर दे सकते हैं।
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