चुनाव आयोग का दावा- बिहार में 50 लाख से ज्यादा वोटर नहीं मिले घर पर, 18 लाख मृत पाए गए, कट सकते हैं इनके नाम
चुनाव आयोग ने आज कहा कि अब केवल 2.70% मतदाता ही फॉर्म भरने के लिए शेष हैं। 21 जुलाई तक, घर-घर जाकर किए गए सर्वेक्षण के दौरान लगभग 7.5 लाख मतदाता कई जगहों पर पंजीकृत पाए गए और लगभग 11,000 का कोई पता नहीं चल पाया।

बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अंतिम चरण में पहुंच गया है। इस बीच मंगलवार को चुनाव आयोग ने एसआईआर पर जो अपडेट जारी किया है, उसके मुतबिक, 50 लाख से ज्यादा मतदाता अपने पते पर नहीं मिले हैं, जबकि 18 लाख से ज्यादा मृत पाए गए हैं। ऐसे में अंतिम सूची में ऐसे मतदाताओं के नाम कट सकते हैं।
भारत निर्वाचन आयोग ने आज एक बयान में कहा कि बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य चल रहा है। अब केवल 2.70% मतदाता ही फॉर्म भरने के लिए शेष हैं। आज मंगलवार तक, 97.30% मौजूदा मतदाताओं ने 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाली मसौदा मतदाता सूची में शामिल होने के लिए अपना गणना फॉर्म जमा कर दिया है।
चुनाव आयोग ने आगे कहा कि बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान में, 21 जुलाई, 2025 तक, घर-घर जाकर किए गए सर्वेक्षण के दौरान 52.30 लाख से ज़्यादा मतदाता अपने पते पर नहीं पाए गए। लगभग 18.5 लाख मतदाता मृत पाए गए, 26 लाख स्थायी रूप से स्थानांतरित पाए गए, लगभग 7.5 लाख मतदाता कई जगहों पर पंजीकृत पाए गए और लगभग 11,000 का पता नहीं चल पाया।
आयोग के अनुसार, बिहार में अब तक 7,89,69,844 मतदाताओं में से 7,16,04,102 यानी 90.67 प्रतिशत गणना प्रपत्र प्राप्त हो चुके हैं। डिजिटल गणना प्रपत्रों की संख्या 7,13,65,460 यानी 90.37 प्रतिशत है। जहां अब तक 52,30,126 यानी 6.62 प्रतिशत निर्वाचक अपने पते पर अनुपस्थित पाए गए तो वहीं 18,66,869 यानी 2.36 प्रतिशत मृत वोटर पाए गए। अब तक स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं की संख्या 26,01,031 यानी 3.29 प्रतिशत है। एक से अधिक स्थानों पर नामांकित मतदाता 7,50,742 यानी 0.95 प्रतिशत हैं, जबकि अप्राप्त वोटर (जिन निर्वाचकों का पता नहीं चल पा रहा है) 11,484 यानी 0.01 प्रतिशत हैं।
आयोग ने कहा कि कुल सम्मिलित निर्वाचक 7,68,34,228 यानी 97.30 प्रतिशत हैं। अब सिर्फ 21,35,616 यानी 2.70 प्रतिशत मतदाताओं के गणना प्रपत्र प्राप्त होने शेष हैं। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, बिहार में चल रहे एसआईआर में यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं कि सभी पात्र मतदाताओं को 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाली ड्रॉफ्ट मतदाता सूची में शामिल किया जाए।
चुनाव आयोग के आंकड़ों से स्पष्ट है कि करीब एक करोड़ वर्तमान मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से कट सकते हैं। इसी मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार चुनाव आयोग के इस कवायद का विरोध कर रहा है। आज भी बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने वोटर वेरिफिकेशन के इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। मांग नहीं माने जाने पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ, जिसके कारण बार-बार सदन स्थगित करना पड़ा।
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