निर्वाचन आयोग पक्षपाती, बीजेपी की जान ईवीएम में बसती है: दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह ने मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग करते हुए कहा कि अगर ईवीएम से ही चुनाव हो तो हर मतदाता को ‘‘वीवीपैट’ पर्ची दी जानी चाहिए। उन्होंने देश में एक साथ चुनाव कराए जाने का भी विरोध किया।

राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने निर्वाचन आयोग और बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। उन्होंने एक के बाद एक कई उदाहरण देते हुए कहा कि चुनाव आयोग पक्षपाती है और बीजेपी की जान ईवीएम में बसती है।
चुनाव सुधारों पर उच्च सदन में हुई चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया और कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने उससे समय मांगा तो उन्हें समय देना तो दूर पावती तक नहीं मिली। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई राज्यों में वोट चोरी होने का प्रमाण दिया है लेकिन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी बिहार में सरकार के कदमों पर रोक नहीं लगाई गई जबकि कई राज्यों में सरकार के कदमों पर रोक लगा दी गई।सिंह ने कहा कि दलबदल होने पर या पार्टी में विवाद होने पर उसके चुनाव चिह्न पर रोक लगा दी जाती है लेकिन शिवसेना का चुनाव चिह्न एकनाथ शिंदे और एनसीपी का चुनाव चिह्न अजित पवार को दे दिया गया।
उन्होंने कहा कि चुनाव सुधारों पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा उठाए गए एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। सिंह ने कहा कि लोकसभा में शाह ने अपने जवाब में कहा कि उन्हें निर्वाचन आयोग ने सूचित किया था कि चुनाव सुधारों के बारे में उसे कोई सुझाव नहीं मिला। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि इस संबंध में या तो आयोग ने गुमराह कर गृह मंत्री से गलतबयानी करायी या गृह मंत्री ने सदन को गुमराह किया। उन्होंने कहा कि दोनों स्थिति में कार्रवाई होनी चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा है कि 2014 के बाद से देश के सभी संवैधानिक संस्थाओं पर एक विचारधारा का कब्जा हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में तानाशाही लागू हो रही है और विभिन्न देशों में तानाशाहों ने बार-बार चुनाव जीतने का दावा करते हुए संस्थाओं पर कब्जा कर लिया था।
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के औचित्य पर सवाल उठाते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि आयोग साल में चार बार संक्षिप्त पुनरीक्षण करता है तो फिर एसआईआर की क्या जरूरत है। उन्होंने मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग करते हुए कहा कि अगर ईवीएम से ही चुनाव हो तो हर मतदाता को ‘‘वीवीपैट’ पर्ची दी जानी चाहिए। उन्होंने देश में एक साथ चुनाव कराए जाने का भी विरोध किया।
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उसे विश्व का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन बताया है लेकिन सवाल यह है कि आरएसएस पंजीकृत भी है या नहीं। बीजेपी सदस्यों की टोकाटोकी के बीच उन्होंने सवाल किया कि क्या अमित शाह आरएसएस के कभी सदस्य रहे हैं। इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री शाह ने लोकसभा में इस संबंध में स्पष्ट कहा है कि वह आरएसस के हैं और इसका उन्हें गर्व है।
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