चुनाव आयोग ने असम में वोटर लिस्ट के 'विशेष पुनरीक्षण’ का आदेश दिया, SIR से होगा अलग, फॉर्म भरने की जरूरत नहीं

अधिकारियों के अनुसार, विशेष पुनरीक्षण, मतदाता सूचियों के वार्षिक विशेष सारांश पुनरीक्षण और एसआईआर के बीच की प्रक्रिया है। इसमें गणना फॉर्म भरवाने की बजाय, बूथ-स्तर के अधिकारी पहले से भरे हुए रजिस्टर के आधार पर मतदाताओं की जानकारी की जांच करेंगे।

चुनाव आयोग ने असम में वोटर लिस्ट के 'विशेष पुनरीक्षण’ का आदेश दिया, SIR से होगा अलग, फॉर्म भरने की जरूरत नहीं
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नवजीवन डेस्क

निर्वाचन आयोग ने सोमवार को असम में मतदाता सूची के 'विशेष पुनरीक्षण' का आदेश दिया। इसके तहत राज्य की अंतिम मतदाता सूची 10 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। असम में विशेष पुनरीक्षण (एसआर) केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों में किए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से अलग है। असम में, मतदाताओं को न तो कोई गणना फॉर्म भरना होगा और न ही कोई दस्तावेज़ जमा करना होगा। जिस पर सवाल उठ रहे हैं।

असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के लिए आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, एक जनवरी, 2026 राज्य के लिए विशेष पुनरीक्षण करने की पात्रता तिथि होगी। अधिकारियों के अनुसार, विशेष पुनरीक्षण, मतदाता सूचियों के वार्षिक विशेष सारांश पुनरीक्षण और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बीच की प्रक्रिया है।


एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, "यह एक तरह से विशेष सारांश पुनरीक्षण का उन्नत रूप है… इसमें गणना फॉर्म भरवाने की बजाय, बूथ-स्तर के अधिकारी पहले से भरे हुए रजिस्टर के आधार पर मतदाताओं की जानकारी की जांच करेंगे।” कार्यक्रम के अनुसार, घर-घर जाकर सत्यापन 22 नवंबर से 20 दिसंबर तक होगा। एकीकृत मसौदा मतदाता सूची 27 दिसंबर को और अंतिम मतदाता सूची अगले वर्ष 10 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी।

चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप के लिए एसआईआर का पिछले महीने आदेश दिया था। इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होंगे। असम में भी 2026 में चुनाव होने हैं।


मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा था, "असम में एसआईआर करने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा एक विशेष आदेश जारी किया जाएगा।" उन्होंने कहा, "नागरिकता अधिनियम के तहत असम में नागरिकता के लिए अलग प्रावधान हैं। उच्चतम न्यायालय की निगरानी में नागरिकता जांच का काम लगभग पूरा होने वाला है। 24 जून का एसआईआर आदेश पूरे देश के लिए था। ऐसी स्थिति में यह असम पर लागू नहीं होता।" हालांकि, अब आयोग ने असम में अलग तरह के विशेष पुनरीक्षण का आदेश दिया है।

(पीटीआई के इनपुट के साथ)

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