'देश में मर चुकी है चुनाव प्रणाली', वार्षिक कानूनी सम्मेलन में राहुल गांधी ने 2024 चुनाव की वैधता पर उठाए सवाल
राहुल गांधी ने बताया कि उन्हें 2014 से ही भारत की चुनावी प्रणाली पर संदेह था। उन्होंने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव से ही मुझे शक हुआ था। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलती, यह अजीब लगा।

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली में आयोजित ‘वार्षिक कानूनी सम्मेलन-2025’ में बड़ा बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि उनके पास ऐसे दस्तावेज और सबूत हैं, जो यह साबित करेंगे कि भारत में लोकसभा चुनाव कैसे चोरी किए गए। उन्होंने कहा, “हमने 6 महीने दिन-रात मेहनत करके सबूत इकट्ठा किए हैं, जिससे यह साबित होगा कि चुनाव आयोग जैसी संस्था अब देश में मौजूद ही नहीं है। यह पूरी तरह खत्म हो चुकी है।”
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि एक लोकसभा क्षेत्र में 6.5 लाख वोट डाले गए, जिनमें से 1.5 लाख वोट फर्जी थे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वह पूरे देश को यह साबित करके दिखाएंगे कि देश में चुनाव किस तरह से "रिग" (धांधली) किए जा सकते हैं।
'2014 से शक था, लेकिन महाराष्ट्र ने आंखें खोल दीं'
राहुल गांधी ने बताया कि उन्हें 2014 से ही भारत की चुनावी प्रणाली पर संदेह था। उन्होंने कहा, "गुजरात विधानसभा चुनाव से ही मुझे शक हुआ था। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलती, यह अजीब लगा। जब भी हमने इस पर सवाल उठाया, लोगों ने कहा कि सबूत कहां है?"
उन्होंने आगे कहा कि जब 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की तीनों ताकतवर पार्टियां अचानक "गायब" हो गईं, तब पार्टी ने गंभीरता से मालप्रैक्टिस की जांच शुरू की।
राहुल गांधी ने दावा किया कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच महाराष्ट्र में 1 करोड़ नए मतदाता जुड़ गए, और उनमें से अधिकतर वोट बीजेपी को मिले। उनका कहना था कि यह असामान्य वृद्धि चुनावी गड़बड़ी की ओर इशारा करती है।
'प्रधानमंत्री की बहुमत वैध नहीं, 15 सीटें फर्जी!'
राहुल गांधी ने कहा, "देश के प्रधानमंत्री बहुत ही मामूली बहुमत से सत्ता में हैं। अगर सिर्फ 15 सीटें रिग की गईं, तो वह प्रधानमंत्री नहीं होते।" उन्होंने भारतीय लोकतंत्र की स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि भारत का चुनावी तंत्र अब मर चुका है।
राफेल पर फिर उठाए सवाल
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में राफेल डील का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "हमारे पास एक दस्तावेज था, जिसमें साफ-साफ लिखा था कि प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने राफेल सौदे में दखल देकर नुकसान पहुंचाया। ऐसा दस्तावेज किसी भी देश की सरकार को गिरा सकता था, लेकिन इस पर कुछ नहीं हुआ। आप सब जानते हैं, वह दस्तावेज कहां गया और कहां खत्म हुआ।"
राहुल गांधी ने इशारा किया कि भारत में संवैधानिक संस्थाएं कमजोर हो चुकी हैं, और अब चुनाव से लेकर रक्षा सौदे तक में पारदर्शिता खत्म हो चुकी है।