दिल्ली से पटना जा रही फ्लाइट की वाराणसी में इमरजेंसी लैंडिंग, ब्रेक में आई गड़बड़ी, हवा में यात्रियों की थमी सांसें

फ्लाइट में करीब 140 यात्री सवार थे। ब्रेक में गड़बड़ी की जानकारी होते ही सभी यात्रियों की सांसें थम गईं। वाराणसी में फ्लाइट की लैंडिंग के बाद एयरपोर्ट पर यात्रियों और विमान कंपनी के अधिकारियों में तीखी नोकझोंक भी हुई।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

यात्री विमानों में गड़बड़ी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला स्पाइसजेट विमान में गबबड़ी से जुड़ा है। दिल्ली से पटना जा रही स्पाइसजेट फ्लाइट के ब्रेक में आई गड़बड़ी के बाद वाराणसी में इमरजेंसी लैंडिंग कराया गया है।

बताया जा रहा है कि दिल्ली से उड़ान भरने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट (एसजी 8721) पटना में लैंड करने वाली थी, लेकिन उड़ान भरने के कुछ देर बाद हवा में ही फ्लाइट के ब्रेक में कुछ गड़बड़ी की बात सामने आई। जैसे ही फ्लाइट में गबड़बड़ी की बात सामने आई फ्लाइट को डायवर्ट कर यूपी के वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड कराया गया। बताया जा रहा है कि करीब 3 घंटे के बाद फ्लाइट ने दोराबा पटना के लिए उड़ान भरी।


फ्लाइट में करीब 140 यात्री सवार थे। ब्रेक में गड़बड़ी की जानकारी होते ही सभी यात्रियों की सांसें थम गईं। वाराणसी में फ्लाइट की लैंडिंग के बाद एयरपोर्ट पर यात्रियों और विमान कंपनी के अधिकारियों में तीखी नोकझोंक भी हुई। यात्रियों ने कहा कि स्पाइसजेट की फ्लाइट में हमेशा कुछ न कुछ गड़बड़ी हो जाती है। यात्रियों ने कहा कि दो घंटे का सफर हम लोगों को 6 घंटे में करना पड़ता है। यात्रियों से अधिकारियों की नोकझोंक के बीच मौके पर मौजूद सीआईएसएफ के जवानों ने बीच-बचाव किया और यात्रियों को शांत कराया।

क्या होती है इमरजेंसी लैंडिंग?

इमरजेंसी लैंडिंगन खास परिस्थितियों में तय समय और स्थान से पहले ही जब विमान को किसी और एयरपोर्ट या जगह पर उतार दिया जाता है तो उसे इमरजेंसी लैंडिंग कहा जाता है। अगर विमान में कोई दिक्कत आने से या फिर यात्रा कर रहे लोगों में से किसी की तबीयत खराब होने पर इमरजेंसी लैंडिंग का फैसला लिया जाता है। सरल भाषा में समझें तो जब भी प्लेन में बैठे यात्रियों की जान को कुछ खतरा होता है तो इस स्थिति में फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग करवा दी जाती है, यानी विमान को तय जगह के अलावा कहीं और उतार दिया जाता है। कई परिस्थितियों में इमरजेंसी लैंडिंग करवाई जाती है।

जैसे मान लीजिए विमान में कोई दिक्कत आ जाती है या फिर यात्री की तबीयत खराब हो जाती है तो लैंडिंग करवाई जाती है। ये लैंडिंग कई तरह की होती है और इमरजेंसी लैंड करवाए जाने के कई कारण होते हैं और अलग अलग कारणों से इसको अंजाम दिया जाता है।


इमरजेंसी लैंडिंग कितने तरह की होती है?

लैंडिंग करवाने का तरीका लैंडिंग के कारणों पर निर्भर करता है। आम तौर पर माना जाता है कि फ्लाइट की तीन तरह से लैंडिंग करवाई जाती है। इसमें फोर्स्ड लैंडिंग, प्रीकॉश्नरी लैंडिंग और डिचिंग लैंडिंग शामिल है। ये अलग अलग कारणों पर निर्भर करता है कि इमरजेंसी लैंडिंग कैसी होगी।

  • फोर्स्ड लैंडिंग- फोर्स्ड लैंडिंग को इमिडिएट लैंडिंग कहा जाता है, जिसमें विमान ज्यादा समय तक उड़ाने की स्थिति में नहीं होता है। इस स्थिति में जल्द से जल्द फ्लाइट को लैंड करवाया जाता है और यह स्थिति इंजन में आने वाली दिक्कत की वजह से होती है। इस स्थिति में जल्द से जल्द फ्लाइट को जमीन पर लाया जाता है।

  • प्रीकॉश्नरी लैडिंग- इस तरह की लैंडिंग में फ्लाइट को उड़ाया तो जा सकता है, लेकिन इसकी सलाह नहीं दी जाती है। इस स्थितियां काफी सामान्य होती हैं और अक्सर इस तरह की लैंडिंग ही करवाई जाती है। जैसे मौसम में गड़बड़ी, फ्यूल शॉर्टेज, विमान में कोई हल्की दिक्कत होने की वजह से इस तरह की लैंडिंग करवाई जाती है। जो एकदम आपातकाल की स्थिति नहीं होती है, लेकिन यात्रियों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए उसमें सुधार किया जाता है।

  • डिचिंग लैंडिंग- ये लैंडिंग काफी रेयर होती है। इस तरह की लैंडिंग बहुत कम देखने को मिलती है। ये लैंडिंग एयरपोर्ट, रनवे पर नहीं बल्कि पानी में करवाई जाती है। जब विमान क्रैश करने की स्थिति में होता है तो इस स्थिति में पानी में विमान को उतारा जाता है। इसके सबसे चर्चित उदाहरण है साल 2009 का, जब यूएस एयरवेज फ्लाइट 1549 को Hudson नदी में उतारा गया था और 155 लोगों को बचाया गया था, जिसमें कुछ लोग घायल भी हो गए थे।

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