मनरेगा खत्म करना देश के संघीय ढांचे पर हमला, PMO ने कैबिनेट से बिना पूछे लिया फैसलाः राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि यह एक अधिकार आधारित परिकल्पना थी, जिसके जरिए देश के करोड़ों लोगों को हर साल तय आय मिलती थी। इस योजना को खत्म करना इस परिकल्पना पर आक्रमण और देश के संघीय ढांचे पर हमला करना है।

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर मनरेगा खत्म करने को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मंत्री और कैबिनेट से बिना पूछे यह निर्णय लिया गया है और सीधा प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि वन मैन शो’ चल रहा है, मोदी जो चाहते हैं वही करते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि यह एक अधिकार आधारित परिकल्पना थी, जिसके जरिए देश के करोड़ों लोगों को हर साल तय आय मिलती थी। इस योजना को खत्म करना इस परिकल्पना पर आक्रमण है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का कदम देश के संघीय ढांचे कर हमला और सत्ता एवं वित्तीय व्यवस्था का केंद्रीकरण है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मनरेगा के तहत मिलने वाला पैसा अब राज्यों से छीनकर केंद्र के पास ले जाया जा रहा है, जिससे देश को आर्थिक नुकसान होगा और गरीब जनता को भारी तकलीफ झेलनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले से गांवों की अर्थव्यवस्था को सीधा नुकसान पहुंचेगा और इसका खामियाजा देश के गरीबों को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि गांवों से छीना गया पैसा आगे चलकर बड़े उद्योगपतियों तक पहुंचेगा, जिससे असमानता और बढ़ेगी।
उन्होंने दावा किया कि मनरेगा से जुड़ा यह फैसला सीधा प्रधानमंत्री कार्यालय से लिया गया है और इसे न तो कैबिनेट में चर्चा के लिए लाया गया और न ही राज्यों से सलाह-मशविरा किया गया। राहुल गांधी ने इसे “वन मैन शो” करार देते हुए कहा कि ऐसा करते समय कैबिनेट और यहां तक कि ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से विचार-विमर्श तक नहीं किया गया।प्रधानमंत्री जो चाहें वही फैसले लिए जा रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी मनरेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष जारी रखेगी।
इससे पहले प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मनरेगा को बचाने के लिए देशव्यापी संघर्ष का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में सर्वसम्मती से ये फैसला लिया गया है कि 5 जनवरी से कांग्रेस पार्टी मनरेगा बचाने की शपथ लेगी और इसके लिए एकजुट होकर आंदोलन किया जाएगा। खड़गे ने स्पष्ट किया कि मनरेगा कोई साधारण सरकारी योजना नहीं, बल्कि संविधान से मिला काम का अधिकार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ग्रामीण मजदूरों के सम्मान, रोजगार, मजदूरी और समय पर भुगतान के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी ताकत से लड़ाई लड़ेगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने की साजिश की जा रही है, जिसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मनरेगा बचाना केवल एक योजना को बचाना नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र में लोगों के भरोसे को बचाने की लड़ाई है। खड़गे ने कहा कि कांग्रेस गांवों की आवाज उठाने और कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने दोहराया कि आने वाले दिनों में मनरेगा के मुद्दे पर देशभर में जनआंदोलन खड़ा किया जाएगा और सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।
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