'जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव में एक-एक मिनट अहम, लोगों को अविलंब सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए'

मुख्य सचिव ने भू-धंसाव क्षेत्र में टॉ इरोजन को रोकने के लिए आज से ही कार्य शुरू किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन भवनों में दरारें आ चुकी हैं और जर्जर हो चुके हैं, उन्हें शीघ्र ध्वस्त किया जाए ताकि वे भवन और अधिक नुकसान न करें।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड के जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को लेकर राज्य के मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु ने सोमवार को सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में भू-धंसाव को देखते हुए हमारे लिए एक- एक मिनट बहुत महत्त्वपूर्ण है। प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को अविलम्ब सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र को अविलम्ब खाली कराने के निर्देश दिए। साथ ही, लोगों को जिस स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है, वहां पेयजल आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। उन्होंने पेयजल विभाग को भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र में टूटी पेयजल लाईनों, सीवर और विद्युत लाईनों आदि को भी दुरूस्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि भू-धंसाव के कारण पेयजल की टूटी लाइनों से भू-धंसाव बढ़ने और विद्युत लाईनों से प्रभावित क्षेत्र में जानमाल का नुकसान न हो इसके लिए लगातार क्षेत्र पर नजर बनाए रखते हुए उच्चाधिकारियों को भी क्षेत्र में बने रहने के निर्देश दिए।


मुख्य सचिव ने भू-धंसाव क्षेत्र में टॉ इरोजन को रोकने के लिए आज से ही कार्य शुरू किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन भवनों में दरारें आ चुकी हैं और जर्जर हो चुके हैं, उन्हें शीघ्र ध्वस्त किया जाए ताकि वे भवन और अधिक नुकसान न करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेषज्ञों आदि को प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने में समय न लगे इसके लिए चॉपर से पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।

मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु ने अधिकारियों को मैन पावर को बढ़ाकर कार्यों को शीघ्र पूर्ण किए जाने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्धन, सचिव नितेश झा और डॉ.रंजीत कुमार सिन्हा सहित राज्य के अन्य सभी सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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