जादवपुर विश्वविद्यालय में रैगिंग रोकने के लिए होगी पूर्व सैनिकों की तैनाती, 26 सीसीटीवी कैमरे लगेंगे

विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, प्रतिनियुक्त किये जाने वाले कुल 30 पूर्व सैनिकों का काम मुख्य रूप सेनिर्धारित कार्य घंटों की समाप्ति के बाद विश्वविद्यालय परिसर के भीतर गहन गश्त करना होगा। इस मद में वार्षिक अनुमानित लागत लगभग तीन करोड़ रुपये होगी।

जादवपुर विश्वविद्यालय में रैगिंग रोकने के लिए पूर्व सैनिक तैनात होंगे और सीसीटीवी कैमरे लगेंगे
जादवपुर विश्वविद्यालय में रैगिंग रोकने के लिए पूर्व सैनिक तैनात होंगे और सीसीटीवी कैमरे लगेंगे
user

नवजीवन डेस्क

पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रावास में रैगिंग के कारण हुई मौतों के मद्देनजर, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने परिसर में 26 सीसीटीवी कैमरे लगाने और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए आउटसोर्स सुरक्षा गार्डों की जगह पूर्व सैनिकों को तैनात करने का फैसला किया है।

जादवपुर विश्वविद्यालय के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, परिसर के सभी प्रवेश द्वारों और छात्रों के छात्रावास के प्रवेश बिंदु सहित परिसर के विभिन्न कोनों पर 26 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थि‍त जादवपुर विश्वविद्यालय में 10 अगस्त को एक नये छात्र का शव मिला था।

सभी सीसीटीवी कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस होंगे और नेटवर्क से जुड़े होंगे जो किसी दुर्घटना की रिपोर्ट करने से पहले सभी संभावित त्रुटियों को ध्यान में रखता है और झूठे अलार्म की दर को कम करता है। ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग सुविधा वाले 26 सीसीटीवी कैमरे लगाने की अनुमानित लागत लगभग 38 लाख रुपये होगी।


विश्वविद्यालय मौजूदा आउटसोर्स गार्डों की जगह पूर्व सैनिकों की तैनाती करेगा, जिसके लिए निदेशालय पुनर्वास क्षेत्र (पूर्व) को पहले ही मांग भेजी जा चुकी है। विश्वविद्यालय के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि कुल 30 पूर्व सैनिकों को इस उद्देश्य के लिए प्रतिनियुक्त किया जाएगा और उनका काम मुख्य रूप से विश्वविद्यालय परिसर के भीतर निर्धारित कार्य घंटों की समाप्ति के बाद परिसर के भीतर गहन गश्त करना होगा। इस मद में वार्षिक अनुमानित लागत लगभग तीन करोड़ रुपये होगी।

जेयू के अंदरूनी सूत्रों ने स्वीकार किया कि सुरक्षा उद्देश्यों के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने या पूर्व सैनिकों की तैनाती को लेकर विश्वविद्यालय के छात्रों के एक वर्ग के बीच अभी भी आपत्ति है।नाम न छापने की शर्त पर जादवपुर विश्वविद्यालय के एक संकाय सदस्य ने कहा, "वे यह समझने में असफल हो रहे हैं कि यदि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा उल्लिखित रैगिंग विरोधी दिशानिर्देशों को अभी भी लागू नहीं किया गया, तो भविष्य में विश्वविद्यालय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जो अंततः छात्रों के करियर में बाधा डाल सकता है।"

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia