Exclusive: यूपी के मुजफ्फरनगर में छात्राओं से छेड़खानी मामले ने खोली CM योगी के दावों की पोल! सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

पीड़िता ने ने कहा कि घटना के बाद से मैं बेहद तनाव में हूं। मैं प्रिंसिपल सर को बहुत अच्छा इनसान समझती थी, लेकिन वो तो हैवान निकले। उन्होंने साजिश करके हमारी बनाई हुई खिचड़ी को कच्चा बताकर फेंक दिया और अपनी खिचड़ी सब बच्चों को खिलाई।

फोटो: आस मोहम्मद कैफ
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आस मोहम्मद कैफ

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के पुरकाजी थाना क्षेत्र के एक स्कूल में स्कूल प्रबंधकों द्वारा 17 छात्राओं के साथ की गई छेड़छाड़ का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पुलिस ने मामले में दोनों आरोपी योगेश कुमार और अर्जुन को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। मामले को आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह संसद में भी उठा चुके हैं। कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने भी पीड़ित छात्राओं के घर मजलिसपुर तौफीर जाकर उनसे मुलाकात की। कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने घटना की निंदा की है। छात्राओं के परिजन अब दोनों स्कूल की मान्यता रदद् करने और आरोपियों के विरुद्ध एनएसए लगाने की मांग कर रहे हैं।

गांव में पहुंचे कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुबोध शर्मा पीड़ितों से मुलाकात कर बताया कि यह एक बेहद शर्मनाक घटना है और उन्हें काफी बुरा लग रहा है। आरोपियों ने पवित्र शिक्षा के कार्य को कलंकित करने का काम किया है। मजलिस पुर तौफीर गांव में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने भी पीड़ित छात्राओं से बात की उन्होंने ‘नवजीवन’ से बात करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेटियों की सुरक्षा देने की बात करते हैं। यहां बेटियां स्कूल में भी सुरक्षित नही हैं, उन्होंने कहा कि सबसे आश्चर्यजनक यह है कि पुलिस ने मामले को 17 दिन तक दबाए रखा। यह घटना खराब कानून व्यवस्था के साथ ही शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करती है। आखिर 8वीं की मान्यता वाले स्कूल में 10वीं की छात्राओं को प्रेक्टिकल किस आधार पर दिलवाया जा रहा था। यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में जाना चाहिए और आरोपियों को जल्द सजा मिलनी चाहिए।


पुरकाजी थाना क्षेत्र के दो स्कूल प्रबंधको ने मानवता, गुरुत्व और सत्यनिष्ठा को तार तार करते हुए प्रेक्टिकल के नाम पर छात्राओं को नशीला पदार्थ देकर उनके साथ छेड़छाड़ की थी। इससे भी ज्यादा गंभीर बात यह थी कि पुरकाजी पुलिस ने घटना को 16 दिन तक छिपा कर रखा था। बाद में पुरकाजी थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था मगर घटना को लेकर स्थानीय स्तर पर काफी गुस्सा है।

घटना 18 नवंबर की है। घटनाक्रम के अनुसार, भोपा थाना क्षेत्र के सूर्यदेव पब्लिक स्कूल की 17 छात्राओं को प्रेक्टिकल कराने के बहाने कमहेड़ा गांव के जीजीएस इंटरनेशनल स्कूल में ले जाया गया था। देरी का बहाना बताकर रात स्कूल में रोककर खिचड़ी में नशीला पदार्थ मिलाकर उनके साथ स्कूल प्रबंधकों ने रात भर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की थी। यह सभी 10वीं कक्षा की छात्राएं थीं। जिस स्कूल में यह घृणित वारदात हुई उस स्कूल को सिर्फ 8वीं तक कि मान्यता है। यह बात भी शिक्षा विभाग की व्यवस्था की पोल खोलती हैं।

एक और हैरतअंगेज बात यह है कि घटना के अगले दिन छात्राओं ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी तो परिजनों ने तत्काल पुलिस को इसकी जानकारी दी थी। लकिन पुलिस ने परिजनों को झूठा बताकर मुकदमा दर्ज करने से इनकार कर दिया। एक और चौकाने वाली बात सामने यह है कि स्थानीय पत्रकारों ने जब घटना की तह में जाने की कोशिश की आरोपी स्कूल संचालक अर्जुन चौहान और योगेश ने उन्हें रौब में लेने की कोशिश की और दबंगई की। यहां तक कि तत्कालीन थाना प्रभारी भी आरोपियों को लेकर से नरम थे।


मजलिस पुर तौफीर एक पीड़िता सिमरन सैनी (बदला हुआ नाम) ने बताया, “घटना के बाद से मैं बेहद तनाव में हूं। मैं प्रिंसिपल सर को बहुत अच्छा इनसान समझती थी, लेकिन वो तो हैवान निकले। उन्होंने साजिश करके हमारी बनाई हुई खिचड़ी को कच्चा बताकर फेंक दिया और अपनी खिचड़ी सब बच्चों को खिलाई। सभी छात्राएं 10वीं की प्रेक्टिकल परीक्षा देने के लिए गई थीं। कोई नही जानती थी उनके साथ क्या होने वाला है। दोनों स्कूल के बड़े सर रात में कमरे में आए। लड़कियों को महसूस हुआ कि उनके साथ कुछ गलत हुआ है। हमने जब इसका विरोध किया तो उन्होंने हमें डराकर चुप रहने की धमकी और कहा कि वो हमें बदनाम कर देंगे।”

एक और पीड़ित छात्रा के पिता सतीश सैनी ने बताया, “पुलिस ने 17 दिन बाद हमारी शिकायत पर कार्रवाई की थी। कार्रवाई एसएसपी साहब से मिलने के बाद हुई थी। तत्कालीन कोतवाल ने हमारी कोई सुनवाई नही की वो दोनों स्कूल संचालक अर्जुन सिंह और योगेश कुमार के खिलाफ कोई कार्रवाई नही कर रहे थे।”


घटना के बाद स्थानीय स्तर पर भी काफी नाराजगी देखी जा रही हैं। मजलिसपुर तौफीर गांव के रमेश सैनी ने कहा कि अब बेटियों को स्कूल भेजने का कोई मतलब नहीं दिखाई दे रहा है हम पूरी तरह निराश हो चुके हैं। यह नही होना चाहिए था। यह बहुत ही गलत हुआ है। इस घटना से पूरे इलाके में लड़कियों के स्कूल जाने की संख्या में कमी आएगी।

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Published: 12 Dec 2021, 11:32 AM
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