राजीव गांधी की हत्या के 30 साल बाद भी विरासत को नकारने की फर्जी जांच जारी- मल्लिकार्जुन खड़गे

दिवंगत पीएम को हमेशा उस व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा, जिसने भारत को औद्योगीकरण और सूचना प्रौद्योगिकी की 21वीं सदी में ले जाने के लिए पहला कदम उठाया और सही टेक्नोक्रेट चुनकर मारुति को दो साल के भीतर एक सफल पीएसयू बनाया और पंचायती राज को भी मजबूत किया।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 30वीं पुण्यतिथि पर उनके काम पर प्रकाश डाला और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर कथित रूप से बुलडोजर चलाने के लिए सरकार पर हमला बोला। राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर शहर में चुनाव प्रचार के दौरान एक आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी।

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "साल भर झूठे आरोप लगाए गए और आज भी उनकी विरासत को नकारने के लिए 30 साल बाद भी फर्जी जांच जारी है।" खड़गे ने कहा कि सरकार द्वारा उनसे सुरक्षा वापस ले ली गई थी जिसके कारण उनकी हत्या कर दी गई थी।


खड़गे ने कहा कि आज परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं क्योंकि उच्चतम स्तर पर कोई सिद्धांत नहीं हैं और राजीव गांधी की तुलना में बहुत कम जनादेश वाली सरकार है, जो विपक्ष द्वारा उठाए गए वास्तविक चिंताओं को सुने बिना किसानों और श्रमिकों के खिलाफ विधेयकों को आगे बढ़ाती है।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार उन राज्यों में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को गिराने के लिए दलबदल विरोधी कानून का दुरुपयोग कर रही है जहां विपक्ष सत्ता में है। यह एक ऐसी सरकार है जो सभी शक्तियों को अपने पास रखने में विश्वास करती है और राज्य सरकारों के साथ कर राजस्व साझा करने से भी इनकार करती है।


खड़गे ने कहा कि दिवंगत पीएम को हमेशा उस व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा, जिसने भारत को औद्योगीकरण और सूचना प्रौद्योगिकी की 21वीं सदी में ले जाने के लिए पहला कदम उठाया और सही टेक्नोक्रेट चुनकर मारुति को दो साल के भीतर एक सफल पीएसयू बनाया और पंचायती राज को भी मजबूत किया। उन्होंने मतदान की आयु को भी कम करने का काम किया। राजीव गांधी ने आर्थिक सुधारों की नींव रखी और पंजाब, असम और मिजोरम के ऐतिहासिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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