शहीद सीओ के परिजन ने विकास की गिरफ्तारी पर उठाए सवाल, कहा- सरपरस्तों ने मौत से बचाया, कराया सरेंडर

कानपुर के शहीद सीओ के साढ़ू ने कहा कि आठ पुलिस वालों की जो हत्या हुई है, वह अकेले विकास दुबे ने नहीं की है, या उसके गैंग ने नहीं की है। उसके सरपरस्त इन हत्याओं में बराबर के भागीदार थे। जो उसे बचाते रहे हैं और अब उन्हीं की मदद से विकास दुबे ने सरेंडर किया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश के मोस्टवांटेड विकास दुबे की गिरफ्तारी मध्य प्रदेश के उज्जैन से होने के बाद शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के परिजनों ने सवाल उठाए हैं। दिवंगत सीओ के साढ़ू कमलाकांत दुबे कहा कि विकास को मौत से बचाया गया है। कमलाकांत ने कहा, "इतने सुनियोजित ढंग से आत्मसमर्पण हो गया। अभी 12 घंटे पहले वह फरीदाबाद में था। फिर वह महाकाल पहुंच गया। जिस ढंग से उसकी गिरफ्तारी हुई है, क्या नहीं लगता कि उसके सिर पर सरपरस्ती बरकरार है? उसको मौत से बचाया गया है।"

शहीद सीओ के साढ़ू ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिस वालों की जो हत्या हुई है, वह अकेले विकास दुबे ने नहीं की है, या उसके गैंग ने नहीं की है। उसके सरपरस्त इन हत्याओं में बराबर के भागीदार थे। जो अब तक उसे बचाते रहे हैं, उन्हीं की सलाह पर विकास दुबे ने सरेंडर किया है। मैं इसे पकड़ना नहीं कहूंगा। मीडिया वालों को बुलाकर कोई ऐसे गिरफ्तारी करता है। उसको मौत से बचाया गया है। उसे विश्वास था कि उसे बचा लिया जाएगा।"

शहीद सीओ के साढ़ू ने कहा, "विकास दुबे का नेटवर्क सक्रिय है, वरना इतने सारे राज्यों की पुलिस अलर्ट रहते हुए, सारे राज्यों की एसटीएफ के एक्शन में रहते हुए एक अपराधी महाकाल मंदिर में जाकर दर्शन के टिकट कटा रहा था, कहां थे सब लोग? उसके बाद गार्ड फोन कर रहे हैं। पुलिस जब पहुंच रही है तो मीडिया वालों को लेकर पहुंच रही है। दुर्दांत अपराधी की क्या इस तरह गिरफ्तारी होती है?"

कमलाकांत ने कहा कि पुलिस विभाग में सभी गलत नहीं होते। इसमें कुछ लोग पैसा लेकर कर्तव्यहीनता करते हैं। नेताओं का धर्म समाज की सेवा है। मगर वे भी अपराधियों से हाथ मिला लेते हैं। अधिकारी, नेता, अपराधी जब हाथ मिला लेते हैं, तब ऐसी घटनाएं होती हैं। उन्होंने कहा, "मैं पुलिस वालों पर आरोप नहीं लगा रहा हूं, यह तंत्र पर सवाल है। इस तरह की सरपरस्ती से समाज को नुकसान हो रहा है। ऊपर सरपरस्त होते हैं तो अपराधी का राज जेल से भी चलता है।"

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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