नहीं रहे मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन, अमेरिका के अस्पताल में ली आखिरी सांस, प्रशंसकों में शोक की लहर

महान तबला वादक अल्लाह रक्खा के सबसे बड़े बेटे जाकिर हुसैन ने अपने करियर में पांच ग्रैमी अवार्ड प्राप्त किए हैं। भारत के सबसे प्रसिद्ध कलाकारों में से एक हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है।

नहीं रहे मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन, अमेरिका के अस्पताल में ली आखिरी सांस, प्रशंसकों में शोक की लहर
नहीं रहे मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन, अमेरिका के अस्पताल में ली आखिरी सांस, प्रशंसकों में शोक की लहर
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नवजीवन डेस्क

मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्होंने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल के आईसीयू में आखिरी सांस ली। हुसैन को हृदय और रक्तचाप संबंधी गंभीर समस्या के कारण दो सप्ताह पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। लेकिन उनकी तबीयत नहीं संभल सकी और आज उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

भारत के अनमोल जिंदा धरोहरों में से एक उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर भारत समेत दुनिया भर में उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है। ताल के जादूगर माने जाने वाले हुसैन के निधन पर कांग्रेस समेत कई दलों के नेताओं ने दुख जाहीर किया है। कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, मशहूर तबलावादक उस्ताद जाकिर हुसैन जी के निधन का समाचार बेहद पीड़ादायक है। यह तबला वादन की दुनिया में एक अपूरणीय क्षति है, एक युग का अंत है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें और शोकाकुल परिजनों और प्रशंसकों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।


हुसैन के मित्र और बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने रविवार को बताया कि तबला वादक जाकिर हुसैन को हृदय संबंधी समस्याओं के बाद अमेरिकी शहर सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। हुसैन की प्रबंधक निर्मला बचानी ने बताया कि अमेरिका में रह रहे 73 वर्षीय संगीतकार को रक्तचाप की समस्या थी। बचानी ने कहा, ‘‘हुसैन हृदय संबंधी समस्या के कारण पिछले दो सप्ताह से सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती थे।

महान तबला वादक अल्लाह रक्खा के सबसे बड़े बेटे जाकिर हुसैन ने अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए भारत और दुनिया भर में एक अलग पहचान बनाई है। हुसैन ने अपने करियर में पांच ग्रैमी पुरस्कार प्राप्त किए हैं, जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी पुरस्कार में मिले थे। भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है।

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