Farmers Protest: आंदलोन का 18वां दिन, किसानों की आज क्या है रणनीति, क्या है प्लान, पढ़िए पूरा अपडेट

किसानों ने शनिवार को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी टोल बूथों पर प्रदर्शन किया। छोटे बड़े किसानों के जत्थों ने टोल बूथ पर कब्जा जमाया और हाईवे को टोल फ्री कर दिया। किसानों ने टोल कर्मचारियों को हाईवे पर टैक्स वसूलने नहीं दिया।

फोटो: विपिन
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नवजीवन डेस्क

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों के आंदोलनका आज 18वां दिन है। किसान संगठन आज दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करेंगे। भारतीय किसान यूनियन पंजाब के महासचिव हरेंद्र लोखवाल ने रविवार को रोड बंद कराने का ऐलान किया। वहीं, एक दूसरे किसान नेता बलबीर सिंह ने कहा कि दिल्ली-जयपुर हाईवे को जाम करने के साथ बीजेपी के मंत्रियों और नेताओं के घरों के सामने भी प्रदर्शन किया जाएगा।

शनिवार को किसान नेताओं ने और सख्त तेवर दिखाते हुए 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर जाने का ऐलान किया। शनिवार को वे सरकार पर दबाव बानने के लिए किसानों ने राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाले तमाम हाईवे पर बने टोल प्लाजा पर धावा बोला। किसानों ने रास्तों को बंद करने की जगह हाईवे के टोल प्लाजा का शटर गिरा दिया। यानी टोल में गाड़ियों से कलेक्शन नहीं होने दिया।

रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी टोल बूथों पर प्रदर्शन किया। छोटे बड़े किसानों के जत्थों ने टोल बूथ पर कब्जा जमाया और हाईवे को टोल फ्री कर दिया। किसानों ने टोल कर्मचारियों को हाइवे पर टैक्स वसूलने नहीं दिया।


किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। किसानों और सरकार के बीच अब तक 6 दौर की वार्ता बेनतीजा रही हैं। आखिरी दौर की वार्ता के बाद सरकार ने किसानों को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें कृषि कानूनों में संशोधन के लिए सरकार की ओर हामी भरी गई थी, लेकिन किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। किसानों का कहना है कि किसी भी कीमत पर उन्हें यह तीनों कृषि कानून मंजूर नहीं हैं। साथी किसानों की मांग है कि सरकार एमएसपी पर लीलग गारंटी की मांग कर रहे हैं।

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