सरकार के ड्राफ्ट पर किसानों में बनी सहमति, आधिकारिक पत्र मिलने के बाद आंदोलन पर होगा फैसला

ड्राफ्ट में सरकार ने आन्दोलन के दौरान अलग-अलग राज्यों में दर्ज केस को तुरंत रद्द करने की बात मानी है। इसके अलावा एमएसपी पर बनने वाली कमेटी में मोर्चा के प्रतिनिथि भी शामिल होंगे और बिजली कानून भी मोर्चा के प्रतिनिधियों से बात करने के बाद संसद में पेश होगा।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की आज हुई बैठक खत्म हो गई है और किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि उनकी मांगों पर सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर वे सहमत हैं। हालांकि किसानों ने कहा है कि सरकार की ओर से इस मसौदे के बारे में आधिकारिक पत्र में आते ही आंदोलन पर फैसला लिया जाएगा। इसके लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरुवार दोपहर 12 बजे सिंघु बॉर्डर पर फिर से बैठक बुलाई है।

संयुक्त किसान मोर्चा को सरकार की तरफ से जो संसोधित प्रस्ताव मिला है उसमें सरकार ने किसान आन्दोलन के दौरान अलग-अलग राज्यों में हुई एफआईआर को तुरंत प्रभाव से रद्द करने की बात मानी है। इसके अलावा इसमें कहा गया है कि एमएसपी पर बनने वाली कमेटी में मोर्चा के प्रतिनिथि भी शामिल होंगे और इलेक्ट्रीसिटी बिल को भी मोर्चा के प्रतिनिधियों से बात करने के बाद ही संसद में पेश किया जाएगा।


संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि, भारत सरकार से एक संशोधित मसौदा प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए मोर्चा के भीतर एक आम सहमति बन गई है। अब, सरकार के लेटरहेड पर हस्ताक्षर किए गए औपचारिक पत्र की प्रतीक्षा है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि आज सरकार की तरफ से जो ड्राफ्ट आया है, उसपर हमारी सहमति बनी है। सरकार के इस ड्राफ्ट का अधिकृत चिट्ठी में बदलना अभी बाकी है। अधिकृत चिट्ठी आने के बाद कल बैठक होगी, इस बैठक में आंदोलन को स्थगित करने को लेकर कोई निर्णय लिया जाएगा।

इससे पहले आज सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई। इस बैठक में सरकार के संशोधित प्रस्ताव पर चर्चा की गई। संयुक्त किसान मोर्चा इस बैठक में मुकदमों पर चर्चा की गई जिसकी चर्चा सरकार ने अपने प्रस्ताव में की हुई है। दरअसल किसानों के ऊपर से मुकदमे वापस लेना मोर्चा की एक बड़ी मांग है। हालांकि किसान नेता अभी भी इस बात पर अड़े हुए हैं कि जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक हम आंदोलन वापस लेने की घोषणा नहीं कर सकते। वहीं किसानों के मुताबिक, कोई भी आधिकारिक फैसला या ऐलान अगली बैठक के बाद ही होगा।

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