हरियाणा में भी किसानों ने किया चक्का जाम, कहा- बिल वापस नहीं हुआ तो बीजेपी वालों को गांवों में नहीं घुसने देंगे
मोदी सरकार के साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल और किसानों की सियासत करते रहे चौधरी देवी लाल के पड़पोते उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला किसानों के निशाने पर रहे। यहां तक कि दुष्यंत को टारगेट करते हुए ‘ताउ तेरे पडपोते ने…किसान मार दिया धोखे तै’ के नारे भी लगे।

केंद्र की मोदी सरकार के तीन कृषि अध्यादेशों के विरोध में शुक्रवार को आयोजित भारत बंद में हरियाणा में भी किसानों ने सड़कें जाम कर दीं और जगह-जगह रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। पंजाब से सटे सिरसा से लेकर जाटलैंड के रोहतक, सोनीपत, पानीपत, जींद और मेवात के महेंद्रगढ़ तक सड़कों पर किसानों का आक्रोश सरकार के खिलाफ फूट पड़ा। किसानों ने कहा कि या तो सरकार विधेयक वापस ले या हमें गोली मार दे। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि अभी भी सरकार नहीं चेती तो गांवों में बीजेपी नेताओं को नहीं घुसने देंगे।
कृषि विधेयकों के खिलाफ 25 सितंबर को भारत बंद का हरियाणा में व्यापक असर रहा। प्रदेश की सड़कों पर पूरे दिन किसानों का गुस्सा फूटता रहा और सरकार के खिलाफ नारे गूंजते रहे। केंद्र की मोदी सरकार के साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल और किसानों की सियासत करते रहे चौधरी देवी लाल के पड़पोते उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला किसानों के निशाने पर रहे। यहां तक कि दुष्यंत को टारगेट करते हुए ‘ताउ तेरे पडपोते ने…किसान मार दिया धोखे तै’ के नारे भी लगे।

शुक्रवार सुबह 10 बजे से ही पूरे हरियाणा में जगह-जगह किसान सड़कों और रेलवे ट्रैक पर जुट गए। किसानों ने अंबाला-सहारनपुर रेल ट्रैक को सुबह से ही बाधित कर दिया। सिरसा में कई जगह रोष प्रदर्शन किए गए। ऐलनाबाद में हरियाणा-राजस्थान की सीमा पर किसानों ने रोड जाम कर दिया। अंबाला-जगाधरी रोड पर भी किसान एकत्रित हुए।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी किसान जगह-जगह रोड जाम करके प्रदर्शन करते रहे। किसानों ने बीजेपी और जेजेपी के विरोध में बैनर लगाए। गन्नौर रेलवे स्टेशन पर किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। टोहाना में रेलवे रोड स्थित अनाज मंडी में किसानों, व्यापारियों, मजदूरों और पल्लेदारों ने काले झंडे लेकर प्रदर्शन किया। रेवाड़ी की नई अनाजमंडी में किसान संगठन एक हुए और सरकार विरोधी नारों के साथ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करते हुए जिला सचिवालय पहुंचे। नारायढ़ गढ़, बरवाला, उचाना समेत जगह-जगह किसान सड़कों पर उतरे।

भारतीय किसान यूनियन की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा है कि किसानों का आंदोलन पूरी तरह सफल रहा है। किसानों ने सड़कें और ट्रेनें बहुत सी जगह रोक दीं। बाजार बंद रहे। मंडियां भी बंद रहीं। आढ़ती, व्यापारी, मजदूर सभी किसानों के साथ खड़े रहे। चढ़ूनी ने कहा कि यह आंदोलन जनता बनाम कॉरपोरेट का आंदोलन है। सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है। जिस तरीके से राज्यसभा में बहुमत न होने के बावजूद ध्वनिमत से विधेयक पास किए गए यह लोकतंत्र की हत्या है। सरकार का कोई भी हथकंडा हम नहीं चलने देंगे। चाहे सरकार मुकदमे चलाए, गोलियां चलाए या लाठियां बरसाए, किसान आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाती।
बीकेयू अध्यक्ष ने कहा कि “सरकार कह रही है कि एमएसपी और मंडियां नहीं खत्म होंगी, लेकिन जो आदमी सौ बार झूठ बोल ले उस पर यकीन उठ जाता है। वही आज मोदी के साथ हो रहा है। आज मोदी की बात पर कोई यकीन करने को तैयार नहीं है। जब सरकार पर जनता का इस तरह अविश्वास हो जाए तो उसे गद्दी छोड़ देनी चाहिए। अगर सरकार ललकारती है कि किसान जो मर्जी कर लें, वह किसी भी कीमत पर अब बिल वापस नहीं लेगी तो मैं भी चेलेंज करता हूं कि सरकार में दम है तो वह अपनी इस चुनौती पर टिकी रहे। जनता उनकी ताकत मापना चाहती है कि वह कितने लोगों को गोली मार सकते हैं।” गुरुनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि फिर ये गांवों में घुस कर दिखाएं, हम इनकी वह हालत करेंगे कि देखने वाली होगी।
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Published: 25 Sep 2020, 11:36 PM