कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसानों ने तेज किया आंदोलन, 17 अक्टूबर को विशाल प्रदर्शन का ऐलान

किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम पंजाब के राज्यपाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी घेराव करेंगे। साथ ही किसान नेताओं ने बताया कि प्रदर्शन में आगे की रणनीति पर चर्चा अब 20 अक्टूबर को होगी।

फाइल फोटोः IANS
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आसिफ एस खान

कृषि कानूनोंं के खिलाफ आंदलनरत किसानों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत बेनतीजा होने के 24 घंटे से भी कम समय के अंदर 29 किसान संगठनों से जुड़े किसानों ने आंदोलन में तेजी लाते हुए 17 अक्टूबर को पंजाब में राज्यव्यापी प्रदर्शन का ऐलान कर दिया। किसानों ने घोषणा की है कि इस दौरान वे राज्य बीजेपी नेताओं के आवास के बाहर धरना देंगे और ट्रेनों को रोकने और टोल प्लाजा के पास सड़कों को ब्लॉक करने का काम जारी रहेगा।

किसान यूनियन के एक प्रवक्ता ने चंडीगढ़ में कहा, "17 अक्टूबर को पंजाब में राज्यव्यापी प्रदर्शन होगा। हमारा रेल रोको और टोल प्लाजा का घेराव कर प्रदर्शन में तेजी लाई जाएगी। साथ ही इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला भी फूंका जाएगा।" प्रवक्ता ने कहा कि इसके अलावा दो बड़े कॉरपोरेट घरानों के पेट्रोल पंपों को भी संचालन की इजाजत नहीं होगी।

बता दें कि इससे पहले बुधवार को 29 किसान संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल की केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल के साथ एक बैठक हुई थी, जिसमें किसानों ने बैठक में मंत्री के मौजूद नहीं होने पर विरोध जताते हुए वॉक आउट कर दिया था। किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने मोदी सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का अरोप लगाते हुए वार्ता के नाम पर धोखा देने का आरोप भी लगाया।

किसान नेता ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम पंजाब के राज्यपाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी घेराव करेंगे। साथ ही प्रवक्ता ने बताया कि प्रदर्शन में आगे की रणनीति पर चर्चा अब 20 अक्टूबर को होगी।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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