राकेश टिकैत बोले- BJP संग हमारे जंग जैसे हालात, एक किसान नहीं देगा वोट, कृषि कानूनों पर PM का दावा झूठा

किसान नेताओ ने कहा कि, “हम सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ युद्ध में हैं और देश का एक भी किसान भविष्य में इस पार्टी को वोट नहीं देगा। हमारी सीधी-सादी रणनीति उन लोगों को समर्थन देना है, जो बीजेपी को हराने में सक्षम हैं। हमने इसे बंगाल में भी किया और 2022 में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इसे दोहराएंगे।”

फोटो: Getty Images
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नवजीवन डेस्क

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। जंतर-मंतर पर किसान संसद चल रही है। जहां आगे की रणनीतियां तय की जा रही है। इन सबके बीच किसान नेता राकेश टिकैत लगातार अलग अलग राज्यों का भी दौरा कर रहे हैं। इन सबके बीच एक बार फिर राकेश टिकैत ने मोदी सरकार को अपने इरादे को लेकर आगाह किया है।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वह चुनाव लड़ने की योजना नहीं बना रहे हैं क्योंकि मोर्चा का एकमात्र उद्देश्य भाजपा को सत्ता से हटाना था ताकि नई सरकार मोदी सरकार द्वारा बनाए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त कर सके। किसान नेताओ ने कहा कि, “हम सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ युद्ध में हैं और देश का एक भी किसान भविष्य में इस पार्टी को वोट नहीं देगा। हमारी सीधी-सादी रणनीति उन लोगों को समर्थन देना है, जो बीजेपी को हराने में सक्षम हैं। हमने इसे बंगाल में भी किया और 2022 में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इसे दोहराएंगे।”

भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दावा है कि तीन कृषि कानूनों में किसान विरोधी कुछ भी नहीं है। यह प्रधानमंत्री का बहुत बड़ा झूठ है। तीन कानूनों में से एक में कहा गया है कि किसानों को कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के तहत कॉरपोरेट्स से खाद, बीज, कीटनाशक, उपकरण आदि खरीदने होंगे। इसमें यह भी कहा गया है कि किसानों को इन चीजों को खरीदने के लिए कर्ज लेने के लिए बैंकों के साथ समझौता करना होगा। मंसूबा यह है कि किसान अपनी संपत्तियों को गिरवी रखकर कर्ज लेते हैं।

सोमवार को राज्य की राजधानी में इस आंदोलन की घोषणा करते हुए भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राकेश टिकैत, जय किसान आंदोलन के योगेंद्र यादव, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के शिव कुमार कक्का और अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के डॉ आशीष ने कहा कि उनके आंदोलन में दिल्ली को आठ महीने पूरे हो गए हैं और अब मिशन यूपी और उत्तराखंड शुरू करने का फैसला किया गया है। किसान के संयुक्त मोर्चा ने यूपी और उत्तराखंड के सभी टोल प्लाजा को खत्म करने की मांग की है।

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