दिल्ली के दरवाजे पर डटे किसानों ने दी ये बड़ी चेतावनी, मोदी सरकार में मची खलबली! देर रात हुई हाई लेवल मीटिंग

किसानों के बढ़ते आंदोलन को देखर मोदी सरकार की टेंशन बढ़ गई है। इस बीच दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर देर रात हाई लेवल मीटिंग हुई। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं। अब तक सरकार की ओर से किसानों की मांगों का कोई हल नहीं निकाला जा सकता है। पाचं दिन से आंदोलनरत किसानों का गुस्सा धीरे-धीरे बढ़ रहा है। किसानों ने सरकार को बड़ी चेतावनी दी है। किसानों ने कहा है कि अगर सरकार उनसे बिना शर्त बात नहीं करती है तो वो दिल्ली को घरेंगे और दिल्ली जाम कर देंगे। किसानों का कहना है कि वह पूरी तैयारी के साथ दिल्ली के दरवाजे पर खड़े हैं और अगर जरूरत पड़ी तो वह चार महीने तक बॉर्डर पर धरना देने के लिए तैयार हैं।

दिल्ली के दरवाजे पर डटे किसानों ने दी ये बड़ी चेतावनी, मोदी सरकार में मची खलबली! देर रात हुई हाई लेवल मीटिंग

किसानों के बढ़ते आंदोलन को देखते हुए मोदी सरकार की टेंशन बढ़ गई है। इस बीच दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर देर रात हाई लेवल मीटिंग हुई। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे। हालांकि इस बैठक के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई। बैठक में क्या फैसला लिया गया, इस संबंध में भी कोई बात सामने नहीं आई है। इससे पहले गृह मंत्री शाह ने किसान नेताओं को सड़क जाम खत्म कर बुराड़ी मैदान में आकर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने का प्रस्ताव दिया था और कहा था कि इस व्यवस्था के लागू होने पर अगले ही दिन किसानों के साथ बातचीत की जाएगी, लेकिन किसानों ने शाह के फैसले को ठुकरा दिया था।

दिल्ली के दरवाजे पर डटे किसानों ने दी ये बड़ी चेतावनी, मोदी सरकार में मची खलबली! देर रात हुई हाई लेवल मीटिंग

किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि किसान संगठन बातचीत के लिए सरकार की किसी भी शर्त को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। कल किसान संगठनों की बैठक हुई जिसमें पंजाब के 20 से अधिक किसान संगठनों ने आंदोलन स्थल पर ही बातचीत करने पर जोर दिया ।

कृषि मंत्री तोमर ने कहा है कि सरकार किसानों के साथ खुले मन से बातचीत करना चाहती हैं और कृषि सुधार कानूनों का कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कोई लेना देना नहीं है। सरकार ने पहले ही किसान संगठनों को तीन दिसंबर को बातचीत का आमंत्रण दिया है।

दिल्ली के दरवाजे पर डटे किसानों ने दी ये बड़ी चेतावनी, मोदी सरकार में मची खलबली! देर रात हुई हाई लेवल मीटिंग

किसान संगठन पिछले दिनों बनाए गए तीन कृषि सुधार कानूनों को खत्म करने, एमएसपी को कानूनी दर्जा देने, आंदोलनकारी किसानों पर दर्ज किए गए मामलो को वापस लेने तथा कई अन्य मांग कर रहे हैं। किसान संगठन दिल्ली की सीमा पर जमे हैं जिससे कई प्रमुख रास्ते पिछले चार दिन से बंद है और बड़ी संख्या में वाहन फंसे हुए हैं। किसान संगठन दिल्ली के रामलीला मैदान या जंतर मंतर आकर आंदोलन करना चाहते हैं। किसान संगठन अपने साथ राशन पानी लेकर आए हैं और लंबे समय तक आंदोलन की तैयारी में हैं। इस बीच हरियाणा के खाप पंचायतों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करने तथा आज दिल्ली मार्च करने का निर्णय किया है। खाप पंचायतों की कल हुई बैठक में यह निर्णय किया गया।

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Published: 30 Nov 2020, 9:28 AM
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