किसान आंदोलनः प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से किसान की मौत! हरियाणा पुलिस ने 'अफवाह' बताकर पल्ला झाड़ा

इस बीच सरकार ने किसानों को आंदोलन खत्म कर पांचवें दौर की बातचीत का प्रस्ताव दिया है। वहीं किसानों ने फिलहाल अपना दिल्ली मार्च दो दिनों के लिए स्थगित कर दिया है। अब शुक्रवार को सभी संगठनों के साथ बैठक के बाद अगले कदम का फैसला लेंगे।

प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से किसान की मौत! हरियाणा पुलिस ने 'अफवाह' बताकर पल्ला झाड़ा
प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से किसान की मौत! हरियाणा पुलिस ने 'अफवाह' बताकर पल्ला झाड़ा
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नवजीवन डेस्क

पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर किसान आंदोलन के दौरान बुधवार की दोपहर में हरियाणा पुलिस द्वारा आंसूगैस के गोले छोड़े जाने से एक प्रदर्शनकारी किसान की सिर में चोट लगने से मौत हो गई और कई घायल हो गए। खनौरी सीमा पर किसानों ने दावा किया किसान शुभकरण सिंह की पुलिस की गोली लगने से मौत हुई है। हालांकि, हरियाणा पुलिस ने गोली से किसान की मौत पर सफाई देते हुए कहा कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान बुधवार को किसी भी किसान की मौत नहीं हुई।

पुलिस ने कहा कि यह सिर्फ एक अफवाह है। दाता सिंह-खनौरी सीमा पर दो पुलिसकर्मियों और एक प्रदर्शनकारी के घायल होने की जानकारी है, जिनका इलाज चल रहा है। पटियाला के राजिंदरा अस्पताल के एक चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि प्रथम दृष्टया पीड़ित को रबर की गोली से चोट लगी है। प्रदर्शनकारी किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच टकराव के बाद पंजाब के पांच जिलों के अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है, जहां घायल किसानों का इलाज हो सके।


हरियाणा पुलिस की प्रवक्ता मनीषा चौधरी ने इस झड़प पर कहा कि दाता सिंह-खनौरी सीमा पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों को घेर लिया और पराली में मिर्च पाउडर डालकर आग लगा दी। उन्होंने पुलिस पर पथराव भी किया और लाठियों तथा फरसे से पुलिसकर्मियों पर हमला किया। इस हमले में 12 पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं। हम प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने और क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने की अपील करते हैं। यह दोनों पक्षों के लिए खतरनाक है और इसके परिणामस्वरूप अप्रत्याशित परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने किसी भी युवा को मोर्चे पर नहीं भेजा, बल्कि नेता खुद शांति से चले गए। जिस तरह से उन्होंने हम पर (आंसू गैस के गोलों से) हमला किया, वह सभी ने देखा। हमने बातचीत के लिए कभी मना नहीं किया, लेकिन ऐसे माहौल में चर्चा संभव नहीं है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि तो क्या हुआ अगर उन्होंने हम पर आंसू गैस के गोले छोड़े? यह संभव नहीं है कि हम शो देखें और यहां हमारे बच्चों पर आंसू गैस के गोले छोड़े जाएं। अर्जुन मुंडा एक और दौर की चर्चा करने की बात करते हैं, हमने उनसे कहा कि अगर कोई बातचीत होनी है तो एमएसपी गारंटी कानून के आसपास होनी चाहिए।


पुलिस ने पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर कई स्तर की बैरिकेडिंग लगा दी है, जिससे तनाव की स्थिति है और किसानों को फसल की न्यूनतम कीमत और ऋण माफी सहित अन्य मांगों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इस बीच सरकार ने किसानों को आंदोलन खत्म कर पांचवें दौर की बातचीत का प्रस्ताव दिया है। वहीं किसानों ने फिलहाल अपना दिल्ली मार्च दो दिनों के लिए स्थगित कर दिया है। अब शुक्रवार को सभी संगठनों के साथ बैठक के बाद अगले कदम का फैसला लेंगे।

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