सरकार के प्रस्ताव को किसानों ने किया खारिज, कहा- कृषि कानून पूरी तरह खत्म करना ही होगा

किसानों ने विवादित कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक होल्ड पर रखने के सरकार के प्रस्ताव खारिज कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा की आज हुई बैठक के बाद किसानों ने कहा कि तीनों कृषि कानून पूरी तरह खत्म हो और एमएसपी पर कानून बने तभी बात बनेगी।

फाइल फोटोः पीटीआई
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नवजीवन डेस्क

विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के साथ बुधवार को दसवें दौर की बैठक में सरकार द्वारा विवादित कानूनों को डेढ़ साल तक होल्ड पर रखने के प्रस्ताव को किसान संगठनों ने खारिज कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा की आज हुई आम सभा में सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया। मोर्चा ने एक बार फिर जोर देकर तीनों कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की मांग दोहराई है।

बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी कर कहा, "इस आंदोलन में अब तक शहीद हुए 147 किसानों को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हैं। इस जनांदोलन को लड़ते-लड़ते ये साथी हमसे बिछड़े हैं। इनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।" मोर्चा ने एक बार फिर साफ कर दिया कि तीनों विवादित कानूनों के वापस होने और एसएसपी पर कानून बनने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

वहीं, इसे पहले आज दिन में गणतंत्र दिवस के दिन प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड को लेकर पुलिस-प्रशासन के साथ हुई बैठक में दिल्ली पुलिस ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी, जबकि किसानों ने एक बार फिर दृढ़ता से दिल्ली की रिंग रोड पर परेड करने की बात कही।

बता दें कि करीब दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर शांतिपूर्ण चल रहा किसानों का यह आंदोलन अब देशव्यापी हो चुका है। कर्नाटक में अनेक स्थानों पर वाहन रैलियों के माध्यम से किसान गणतंत्र दिवस के लिए एकजुट हो रहे हैं। केरल में भी कई जगहों पर किसान ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं।वहीं, उत्तराखंड के बिलासपुर और रामपुर समेत अन्य जगहों पर किसान ट्रैक्टर मार्च कर दिल्ली की किसान परेड की तैयारी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में किसान 23 जनवरी को राजभवन का घेराव करेंगे और एक जत्था दिल्ली की तरफ भी रवाना होगा।

वहीं, नवनिर्माण किसान संगठन की ओडिशा से चली “किसान दिल्ली चलो यात्रा” को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बार-बार परेशान किया जा रहा है। उनके रुट बदलने से लेकर बैठकें नहीं करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। संगठन ने कहा कि हम प्रशासन के इस बर्ताव का विरोध करते है। वहीं इस यात्रा का कोलकाता में 3 दिन का विशाल महापड़ाव 20 जनवरी से 22 जनवरी तक होगा। बुधवार को हुए विशाल कार्यक्रम में हजारों लोगों ने भाग लिया। आने वाले समय में और भी तेज होने की संभावना है।

इस बीच मजदूर किसान शक्ति संगठन के नेतृत्व में हजारों किसान, मजदूर और आम लोग लगातार शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं। कठपुतली और गीतों के माध्यम से नव उदारवादी नीतियों का विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

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Published: 21 Jan 2021, 9:57 PM