आंदोलन के 383 दिन बाद ‘फतेह मार्च’ के साथ किसानों की घर वापसी, गाजीपुर बॉर्डर पर आखिरी जत्थे पर फूलों की बारिश

तीनों कृषि कानूनों के विरोध में गाजीपुर बार्डर पर एक साल से अधिक आंदोलन चलाने के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आखिरी जत्थे के साथ घर लौट रहे हैं।

फोटो: विपिन
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नवजीवन डेस्क

तीनों कृषि कानूनों के विरोध में गाजीपुर बार्डर पर एक साल से अधिक समय तक आंदोलन चलाने के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आखिरी जत्थे के साथ घर लौट रहे हैं।

राकेश टिकैत पर फूलों की बारिश की गई। राकेश टिकैत पूरे गाजे-बाजे के साथ गाजीपुर बार्डर से अपने घर के लिए रवाना हो रहे हैं। आपको बता दें, घर वापसी के तहत राकेश टिकैत के जुलूस का जगह-जगह स्वागत होगा।

फोटो: विपिन
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किसान नेता राकेश टिकैत ने लौटने से पहले आंदोलन के दौरान लंगर लगाने वाली संस्थाओं और स्थानीय लोगों का शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन अभी ख़त्म नहीं हुआ है, इसे सिर्फ स्थगित किया गया है। राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन के दौरान हमारा साथ देने वाले हर किसी का दिल से शुक्रिया।

आपको बता दें, किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर सहित सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि केंद्र द्वारा इन कानूनों को वापस लिए जाने के बाद किसान संगठनों ने भी अपना आंदोलन भी खत्म करने का ऐलान किया और लगभग सारे किसान अपने घरों को लौट गए। सिंघू बॉर्डर पर लगे लगभग सारे बैरिकेड्स मंगलवार को हटा दिए गए थे, वहीं टिकरी बॉर्डर (रोहतक रोड) पर भी सड़क को साफ कर इसे वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह खोल दिया गया है। लेकिन गाजीपुर बॉडर पर अब भी कुछ किसान एकत्र थे।

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