किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर महीनों से बंद सड़क खोलने की कवायद शुरू की, पुलिस पर लगाया रास्ता रोकने का आरोप

सुप्रीम कोर्ट में आज सड़कबंद होने पर सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट की तरफ से लंबे समय से सड़क बंद होने पर चिंता व्यक्त की गई। हालांकि, कोर्ट ने किसान संघों को इस मुद्दे पर तीन हफ्ते के भीतर जवाब देने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 7 दिसंबर को तय कर दी है।

फाइल फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते गाजीपुर बॉर्डर पर करीब 10 महीने से सड़क मार्ग बंद है। किसानों ने आज गाजीपुर बॉर्डर की सर्विस लेन खोलने की कवायद शुरू कर दी है। किसानों के अनुसार रास्ता किसानों ने बंद नहीं किया है, पुलिस ने कर रखा है। भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसान नेता आज बॉर्डर पर लगे बैरिकेड तक पहुंचे और सड़क पर बने टेंट को हटाना शुरू कर दिया।

किसानों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में किसानों को लेकर गलत जानकारी दी जा रही है। हमने रास्ता कभी बंद नहीं किया था, हम तो दिल्ली जाना चाहते हैं। पुलिस ही हमको बॉर्डर के उस पार नहीं जाने दे रही। फिलहाल किसानों ने बॉर्डर पर बने मीडिया सेंटर को सड़क से हटा दिया है वहीं अपनी गाड़ियां भी पुलिस की बैरिकेड के पास लगा दी हैं।


दूसरी ओर सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक चल रही है, जिसमें सड़कों को खोलने को लेकर कोई फैसला लिया जा सकता है। दरअसल गाजीपुर बॉर्डर पर 11 महीनों से कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून की गारंटी की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। किसान आंदोलन के चलते गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ जाने वाला दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पूरी तरह से बंद है जिसके चलते हर रोज लाखों लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट में भी आज सड़क मार्ग बंद होने पर सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट की तरफ से लंबे समय से सड़क मार्ग बंद होने पर चिंता व्यक्त की गई। हालांकि, शीर्ष अदालत ने किसान यूनियनों को इस मुद्दे पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को 7 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में आज एक नोएडा निवासी एक महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हो रही थी, जिसमें कहा गया है कि किसान आंदोलन के कारण सड़क अवरुद्ध होने से आवाजाही में मुश्किल हो रही है। साथ ही उसमें यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है कि नोएडा से दिल्ली के बीच यातायात सुचारू रूप से चले।

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Published: 21 Oct 2021, 4:10 PM