आंदोलन के 100 दिन होने पर कल केएमपी एक्सप्रेसवे ब्लॉक करेंगे किसान, लोगों से घरों पर काले झंडे लगाने की अपील

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि टोल प्लाजा को शांतिपूर्ण तरीके से बंद किया जाएगा। राहगीरों को परेशान नहीं किया जाएगा। फंसे लोगों के जलपान की व्यवस्था की जाएगी। इस दौरान इमरजेंसी वाहनों, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, विदेशी पर्यटकों और सेना की गाड़ियों को नहीं रोका जाएगा।

फाइल फोटोः पीटीआई
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नवजीवन डेस्क

केंद्र के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर किसानों ने शनिवार को दिल्ली और दिल्ली की सीमाओं के विभिन्न विरोध स्थलों को जोड़ने वाले केएमपी एक्सप्रेसवे पर 5 घंटे की नाकाबंदी करने का ऐलान किया है। किसान सुबह 11 से शाम 4 बजे तक केएमपी एक्सप्रेस वे को ब्लॉक करेंगे।

इसकी जानकारी देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने आज बताया कि इस दौरान किसान टोल प्लाजा को टोल फीस जमा करने से भी मुक्त करेंगे। किसानों के मुताबिक यह प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा। मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों से आह्वान किया है कि 100 दिन पूरे होने पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराएं।

संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघू बॉर्डर पर एक बैठक के बाद बताया कि सिंघु बॉर्डर से किसान कुंडली पहुंचकर एक्सप्रेस वे का रास्ता ब्लॉक करेंगे तो वहीं इस मार्ग पर पड़ने वाले टोल प्लाजा को भी ब्लॉक करेंगे। वहीं गाजीपुर बॉर्डर से किसान डासना टोल की ओर कूच करेंगे। टिकरी बॉर्डर से नजदीक बहादुरगढ़ बॉर्डर ब्लॉक करेंगे। साथ ही शाजहांपुर बॉर्डर पर बैठे किसान गुरुग्राम - मानेसर को छूते केएमपी एक्सप्रेस वे को ब्लॉक करेंगे। किसानों ने कहा कि जिन बॉर्डर्स से जो टोल प्लाजा नजदीक होगा उसे भी ब्लॉक कर दिया जाएगा।

गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने इस बारे में बताया कि, "किसान यहां से डासना टोल की ओर कूच करेंगे, लेकिन हरियाणा और यूपी में जितने भी टोल पड़ेंगे, जैसे की दुहाई, कासना, नोएडा आदि सब पर किसान रहेंगे और सभी को जाम किया जाएगा।" उन्होंने कहा कि इन टोल प्लाजा को शांतिपूर्ण तरीके से बंद किया जाएगा।

राजवीर सिंह ने बताया कि इस दौरान राहगीरों को परेशान नहीं किया जाएगा, राहगीरों के लिए पानी को व्यवस्था रखी जाएगी। आंदोलनकारियों द्वारा राहगीरों को कृषि विषय पर अपने दुख भी बताए जाएंगे। इसके अलावा प्रदर्शन के दौरान इमरजेंसी वाहनों को नहीं रोका जाएगा, चाहे एम्बुलेंस हो, फायर ब्रिगेड की गाड़ी, या फिर कोई विदेशी पर्यटक हो, किसी को नहीं रोका जाएगा। इसके अलावा मिल्रिटी वाहनों को भी नहीं रोका जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने आम लोगों से भी अनुरोध किया है कि आंदोलन को समर्थन देने के लिए, और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए अपने घरों और कार्यालयों पर काले झंडे लहराएं। वहीं, गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे आंदोलन कमिटी के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि, "गाजीपुर बॉर्डर मंच विधिवत चलेगा, यहां से बहुत ज्यादा लोग नहीं जाएंगे, हालांकि कुछ किसान यहां से डासना टोल पहुंचेंगे। वहीं ग्रेटर नोएडा , दुहाई, बागपत और दादरी कट पर गांव के लोग बैठेंगे। बच्चों, बीमार लोगों को जाने दिया जाएगा, बॉर्डर पर रोके जाने वाले लोगों के लिए जलपान की व्यवस्था की जाएगी।"

बता दें कि मोदी सरकार के तीन नए अधिनियमित कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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