देशभर में कृषि कानून के विरोध में 26 जून को राजभवनों पर किसानों का होगा प्रदर्शन, दिखाएंगे काले झंडे
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओ ने बताया कि, 26 जून के दिन किसानों का विरोध प्रदर्शन होगा और इस दौरान काले झंडे दिखाए जाएंगे। साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजेंगे।
![फोटो: Getty Images](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2021-06%2F2299d072-d229-4063-bea5-992d3fb87490%2FGettyImages_1230306523.jpg?rect=0%2C30%2C1024%2C576&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
कृषि कानून के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को शुक्रवार को 197 दिन हो चुकें हैं। किसानों ने शुक्रवार को आंदोलन को तेज करने पर विचार किया वहीं सरकार पर दबाब बनाने के लिए रणनीति बनाई। इसी बीच किसानों ने 26 जून को देशभर में राजभवनों पर धरना देने की घोषणा की।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओ ने बताया कि, 26 जून के दिन किसानों का विरोध प्रदर्शन होगा और इस दौरान काले झंडे दिखाए जाएंगे। साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजेंगे।
भारतीय किसान यूनियन के नेता धर्मेंद्र मलिक ने आईएएनएस को बताया कि, 26 जून को खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस के रूप में मनाया जाएगा। वहीं राजभवनों पर काले झंडे दिखाकर और हर राज्यों में राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर अपना विरोध दर्ज करायेंगे।
किसान नेताओं ने अनुसार, 26 जून को ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू की थी। आज भी मोदी सरकार ने भी देश में अघोषित इमरजेंसी लगा रखी है।
दूसरी ओर किसानों ने बॉर्डर पर महिलाओं की सुरक्षा पर भी चिंता व्यक्त की। किसानों के मुताबिक आंदोलन स्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर शनिवार तक समिति गठित कर देंगे। वहीं एक मोबाइल नंबर की सार्वजनिक किया जाएगा।
एसकेएम के अनुसार, किसान लगातार काले झंडे दिखा कर अलग-अलग जगहों पर बीजेपी नेताओं के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा को कैथल में काले झंडों और नारों का सामना करना पड़ा। महिलाओं और पुरुष किसान दोनों ने बड़ी संख्या में अपना प्रतिरोध व्यक्त करने के लिए भीषण गर्मी का सामना किया। चरखी दादरी में भाजपा की बबीता फोगट को भी किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा।
वहीं विभिन्न राज्यों से हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन मे शामिल हो रहे हैं, आज उत्तराखंड से तराई किसान संगठन की एक टुकड़ी गाजीपुर बॉर्डर पहुंची। इसी तरह तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और बिहार से एआईकेएमएस के प्रतिनिधिमंडल और समर्थक भी गाजीपुर धरना स्थल पर पहुंचे।
दरअस तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम,2020; मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम,2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम,2020पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं ।
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Published: 12 Jun 2021, 8:59 AM