बिहार: सीट बंटवारे पर एनडीए में फिर रार, आरएलएसपी और एलजेपी ने कम सीटों पर लड़ने से किया इनकार

बिहार में 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीट शेयरिंग का मसला अब तक नहीं सुलझा है। अब एनडीए की साझीदार एलजेपी और आरएलएसपी की तरफ से इस मसले पर नया बयान आया है। एलजेपी और आरएलएसपी ने कहा है कि वो उतनी ही सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जितनी पर उन्होंने 2014 में चुनाव लड़ा था।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर एक बार फिर एनडीए में विवाद बढ़ता जा रहा है। बीजेपी और जेडीयू के बीच 50-50 फीसदी सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर एनडीए की सहयोगी पार्टियां खुश नहीं है। खबरों के मुताबिक, उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी के बाद अब रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी ने भी 2014 चुनाव के मुकाबले कम सीटों पर लड़ने से इनकार कर दिया है। दोनों पार्टियों ने साफ संकेत देते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि 2014 चुनाव के समान ही लोकसभा चुनाव 2019 में भी उन्हें उतनी ही सीटें चाहिए। उनके इस बयान के बाद बीजेपी और जेडीयू का 50-50 का फॉर्मूला फेल होता दिखाई दे रहा है।

आरएलएसपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता माधव आनंद ने कहा है कि तीन पार्टी से कम सीटों पर नहीं बल्कि अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी किसी भी हाल में तीन सीटों से कम पर नहीं मानेगी।

हाल ही में बीजेपी और जेडीयू के बीच सीट बंटवारे को लेकर अमित शाह और नीतीश कुमार की मुलाकात हुई थी। मुलाकात के बाद दोनों ने प्रेस कांफ्रेंस कर सीट शेयरिंग का मसला सुलझा लेने की बात कही थी। इस दौरान अमित शाह ने कहा था कि दोनों पार्टियां 50-50 के फार्मूले पर चुनाव लड़ेगी। जिसके बाद खबर आई थी दोनों पार्टियां मिलकर 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी और बाकी बची 6 सीटों में 4 एलजेपी और 2 आरएलएसपी के खाते में जाएंगी।

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हालांकि इस सीट शेयरिंग के फार्मूले को लेकर एलजेपी और आरएलएसपी दोनों नाखुश हैं।आरएलएसपी के पार्टी प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उनकी ताकत 2014 के मुकाबले बढ़ी है। लिहाजा 2019 में पिछली बार से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए। एलजेपी नेता पशुपति पारस ने 34 सीटों पर बीजेपी-जेडीयू और बाकी बची 6 सीटों पर एलजेपी और आरएलएसपी के लड़ने की संभावनाओं को खारिज किया है। पशुपति पारस ने सीटें कुर्बान करने की बातों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग के मसले पर तब तक बात नहीं बन सकती, जब तक एनडीए की साझीदार बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी और आरएलएसपी एकसाथ मिलबैठकर बात नहीं कर लें।

उन्होंने कहा कि 50-50 फॉर्मूले का कुछ भी मतलब निकाला जा सकता है। एक मतलब ये भी हो सकता है कि बीजेपी और जेडीयू 10-10 सीटों पर चुनाव लड़े और बाकी की 20 सीटें अपने सहयोगियों के लिए छोड़ दे।

बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में आरएलएसपी को तीन सीटें मिली थीं, जिसपर पार्टी ने जीत हासिल की थी। जबकि रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 6 पर जीत हासिल की थी।

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Published: 09 Nov 2018, 1:34 PM
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