पंजाब में पैदा हुए वित्तीय आपातकाल के हालात, मोदी सरकार ने जानबूझकर रोका राज्य का पैसा

जीएसटी का 4100 करोड़ रुपए नहीं मिलने के कारण पंजाब में वित्तीय इमरजेंसी के हालात पैदा हो गए हैं। इस गंभीर वित्तीय संकट के कारण राज्य सरकार ‘ओवर ड्राफ्ट’ में चली गई है। केंद्र ने अगर बकाया राशि का भुगतान जल्द नहीं किया तो हालात बेहद गंभीर हो जाएंगे।

फोटोः सोशल मीडिया
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अमरीक

बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किस तरह, गैर बीजेपी राज्य सरकारों के साथ कई स्तरों पर घोर भेदभाव करके उन्हें प्रताड़ित कर रही है इसकी एक बड़ी और ताजा मिसाल पंजाब है। केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी का 4100 करोड़ रुपए न मिलने के चलते पंजाब में वित्तीय इमरजेंसी के हालात दरपेश हो गए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक गंभीर वित्तीय संकट के कारण राज्य सरकार 'ओवर ड्राफ्ट' में चली गई है। केंद्र सरकार ने बकाया राशि का भुगतान यथाशीघ्र नहीं किया तो हालात बेहद गंभीर हो जाएंगे।

पहले ही पिछली अकाली-बीजेपी गठबंधन सरकार खजाना खाली छोड़ कर गई है और अब मोदी सरकार का यह भेदभाव पूरी तरह से कमर तोड़ने वाला है। पंजाब के बेतहाशा बिगड़े हालात का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को विदेश यात्रा पर गए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को त्वरित चिट्ठी लिखकर फौरी हस्तक्षेप का अनुरोध करना पड़ा। उन्होंने कैप्टन से फोन पर भी बात की। कैप्टन 28 नवंबर को वापिस लौट रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक वह आते ही इस मसले पर हंगामी मीटिंग करेंगे और बाद में प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री से मिलेंगे।

इस बीच पंजाब में जारी आर्थिक संकट के मद्देनजर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विदेश से ट्वीट करके केंद्र के रवैये की सख्त आलोचना करते हुए कहा कि पंजाब के साथ जानबूझकर इस तरह का भेदभाव किया जा रहा है और उसे संकट में डाला जा रहा है। उन्होंने लिखा है कि उन्हें आश्चार्य हुआ कि केंद्र ने जीएसटी का पंजाब को दिया जाने वाला हिस्सा इस तरह रोका हुआ है। इससे राज्य गंभीर आर्थिक संकट का शिकार हो गया है। सरकार को कर्मचारियों को वेतन देने में मुश्किलें आ रही हैं और विकास कार्य भी ठप्प हो रहे हैं। बड़ी नाजुक स्थिति है।

'नवजीवन' को हासिल जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी वापसी मद में से अक्टूबर में पंजाब को 2100 करोड़ रुपए की किश्त देनी थी लेकिन बार-बार के तकाजे के बावजूद नहीं दी गई। इसी तरह साल 2017 के दो हजार करोड़ रुपए बकाया हैं, जब जीएसटी लागू की गई थी। इस रकम के लिए भी बार-बार कहा गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कई बार केंद्रीय वित्त मंत्री और संबंधित अधिकारियों से बात की, उन्हें लिखा, लेकिन सब बेनतीजा रहा। जवाब में हर बार टाल-मटोल की भाषा बरती गई।


पंजाब के वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी का बकाया रोके जाने के चलते सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने में दिक्कत आ रही है और अन्य भुगतान भी रुके हुए हैं। अगर तत्काल राशि रिलीज न हुई तो नवंबर महीने का वेतन दिसंबर में नहीं दिया जा सकेगा। पेंशन और अन्य भुगतान भी नहीं हो पाएंगे। केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार का सारा आर्थिक तानाबाना बिगाड़ दिया है।

उच्च पदस्थ अधिकारियों ने 'नवजीवन' को बताया कि जारी वित्तीय संकट के चलते बिजली निगम को दी जाने वाली सब्सिडी नहीं दी जा सकी। इसी तरह नगर निगमों, नगर पालिकाओं, पंचायतों, सेहत सेवाओं और शिक्षा के लिए दी जाने वाली सरकारी ग्रांट और सब्सिडी भी अक्टूबर से नहीं दी जा रही। ग्रामीण विकास के लिए दी जाने वाली 300 करोड़ रुपए की ग्रांट भी रुक गई है। पंजाब सरकार हर महीने 2200 करोड़ रुपए वेतन पर खर्च करती है। राज्य सरकार को इस साल केंद्र से जीएसटी का 9,700 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है, जिसका कोई सिरा फिलहाल नहीं मिल रहा।

पंजाब सरकार को अप्रैल, जुलाई और अगस्त महीनों में लगभग 47 सौ करोड़ रुपए की ग्रांट मिली थी। उसके बाद केंद्र से कोई भी राशि नहीं आई। वैसे, केंद्र सरकार का वित्तीय संकट भी अगस्त महीने से सामने आने लगा था। जीएसटी बकाया भुगतान रोके जाने से पंजाब की अर्थव्यवस्था की गाड़ी भी तभी से थमने लगी थी। राज्यों के वित्त मंत्रियों की बैठक में मनप्रीत सिंह बादल ने गहरी चिंता के साथ यह मुद्दा शिद्दत से उठाया था, लेकिन केंद्र का उपेक्षा का रुख बरकरार रहा। मनप्रीत सिंह बादल का कहना है कि केंद्र सरकार कांग्रेस शासन वाले राज्यों के साथ जानबूझकर ऐसा सलूक कर रही है। राजस्थान और मध्य प्रदेश के वित्त मंत्रियों ने भी मनप्रीत का समर्थन किया था।

पंजाब के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील कुमार जाखड़ का खुला आरोप है कि पंजाब के साथ ऐसा बर्ताव बादलों की शह पर किया जा रहा है। सुनील जाखड़ कहते हैं, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने सही कहा था कि जिस तेजी से बीजेपी जीएसटी लागू कर रही है, यह फेल होगा और उसका खामियाजा राज्यों को भुगतना पड़ेगा। ऐसा अब हो रहा है। केंद्र सरकार 2022 से पहले ही राज्यों को जीएसटी मैं बढ़ोतरी देना बंद कर देगी और इस कारण पंजाब जैसे राज्यों का बुरा हाल हो जाएगा क्योंकि इन राज्यों को धान और गेहूं टैक्स से जो आमदनी होती थी, यह भी बंद हो गई है। पहले पंजाब को अकाली-बीजेपी गठबंधन सरकार ने बर्बाद किया था और अब केंद्र बर्बाद करने में लगा हुआ है।"

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