वाराणसी में अफवाह फैलाने के आरोप में छह पत्रकारों के खिलाफ FIR दर्ज, कांग्रेस ने सरकार को घेरा
अजय राय ने कहा कि पत्रकारों की कलम, समाज की आवाज और शक्ति का प्रतीक है। पत्रकारों का काम है आईना दिखाना, पर इस सरकार में आईना दिखाना गुनाह है, क्योंकि इस सरकार के चेहरे पर इतनी कालिख है कि आईना उसको पसंद नहीं है।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के जिला मुख्यालय के लंका थाना क्षेत्र में पुलिस ने छह पत्रकारों के खिलाफ कथित तौर पर लोगों को भड़काने और अफवाह फैलाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने प्राथमिकी दर्ज किये जाने की निंदा करते हुए कहा कि पार्टी कलमकारों का अपमान और उनके ऊपर मुकदमा बर्दाश्त नहीं करेगी। मामले में आरोपी पत्रकारों का कहना है कि शहर में यदि कुछ गलत होता है तो उसको शासन तक पहुंचाना उनका काम है और वे वही कर रहे थे।
लंका थाना के एसएचओ शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि मंगलवार रात लोक निर्माण विभाग के दो कर्मचारियों द्वारा लंका थानाक्षेत्र में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के गेट पर स्थित महामना मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा की साफ-सफाई कराई जा रही थी। मिश्रा ने कहा कि साफ-सफाई का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जातिगत टिप्पणी करते हुए द्वेष भावना फैलाई गई और लोगों को उकसाया गया और भ्रामक दुष्प्रचार कर क़ानून-व्यवस्था को खराब करने का प्रयास किया गया। इस पोस्ट में मालवीय जी की प्रतिमा की सफाई को उनका अपमान बता कर खबर प्रसारित की गई। आरोपियों द्वारा वीडियो को खबरों के ‘वाट्सअप समूहों’ में भी भेजा गया।
थाना प्रभारी ने बताया कि इस संबंध में संकट मोचन चौकी प्रभारी की तहरीर पर खबर बनारस के ‘एडमिन’ अरशद, अभिषेक झा, अभिषेक त्रिपाठी, सोनू सिंह, शैलेश और ‘एक्स’ हैंडलर नितिन राय के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 356(3) (मानहानिकारक सामग्री का प्रसारण), 196(1) (विभिन्न समूहों के बीच अफवाह फैलाकर घृणा और शत्रुता को बढ़ावा देना) और सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम की धारा 67 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई और संबंधित कार्यवाही की जा रही है।
मुकदमे में नामजद पत्रकारों का कहना है, ‘‘हम सभी इस घटना से स्तब्ध हैं और हम लोग अपना काम कर रहे थे।’’ उन्होंने दलील दी कि शहर में कुछ गलत होता है तो उसको प्रशासन और शासन तक पहुंचाना उनका काम है और वे वही कर रहे थे। मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अजय राय ने एक बयान में कहा कि भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा पर चढ़े युवक की वीडियो वायरल होने पर सवाल पूछने वाले पत्रकार साथियों पर मुकदमा होना निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार का नियम देखिए कि दोषी पर कार्यवाही नहीं होगी, लेकिन सवाल पूछने वाला पहले दोषी होगा। उन्होंने कहा, ‘‘पत्रकारों की कलम, समाज की आवाज और शक्ति का प्रतीक है। पत्रकारों का काम है आईना दिखाना, पर इस सरकार में आईना दिखाना गुनाह है, क्योंकि इस सरकार के चेहरे पर इतनी कालिख है कि आईना उसको पसंद नहीं है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इस सरकार की तानाशाही का अंत निश्चित होगा। कलमकारों का अपमान उनके ऊपर मुकदमा कांग्रेस पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी।’’ राय ने कहा कि पार्टी की मांग है कि असली दोषियों पर कार्यवाही सुनिश्चित हो, प्रशासन अपनी जवाबदेही तय करे और पत्रकार साथियों पर फर्जी मुकदमा वापस हो। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पत्रकारों के साथ पूरी ताकत के साथ खड़ी है।
मामले पर बीजेपी के सह मीडिया प्रभारी और एमएलसी धर्मेन्द्र सिंह ने पत्रकारों को उनकी गरिमा की याद दिलाते हुए कहा कि पत्रकारिता एक अत्यंत संवेदनशील पेशा है। पत्रकारिता की एक गरिमा होती है और पत्रकारों को अपनी गरिमा का ख्याल रखना चाहिए। सिंह ने कहा, ‘‘खबरों को लेकर जल्दबाजी ठीक नहीं होती, वैसे यदि कहीं भी पत्रकारों के हित की बात आएगी तो मैं उनके साथ खड़ा रहूंगा।’’
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