बुलंदशहर हिंसा का मुख्य आरोपी योगेश राज पर FIR दर्ज, पंचायत चुनाव जीतने के बाद भी वोट नहीं देने वालों की थी पिटाई

योगेश कथित तौर पर एक ग्रामीण और उसके परिवार पर 'उसे वोट नहीं देने' के लिए हमला करते हुए दिखाई दे रहे हैं। घटना नयाबांस गांव की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार योगेश और उसके साथी दिनेश कुमार नाम के एक व्यक्ति के घर में घुस गए और परिवार के सदस्यों को पीटना शुरू कर दिया।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

बजरंग दल के नेता और 2018 बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज पर हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों के दौरान उन ग्रामीणों की पिटाई करने का मामला दर्ज किया गया है। उनपर आरोप है कि उन्होंने उन लोगों की पिटाई कि जिन्होंने पंचायत चुनावों में उन्हें वोट नहीं दिया था। जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में जमानत पर छूटे योगेश राज ने जीत हासिल की है।

वायरल हुए एक वीडियो में, योगेश कथित तौर पर एक ग्रामीण और उसके परिवार पर 'उसे वोट नहीं देने' के लिए हमला करते हुए दिखाई दे रहे हैं। घटना नयाबांस गांव की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार योगेश और उसके साथी दिनेश कुमार नाम के एक व्यक्ति के घर में घुस गए और परिवार के सदस्यों को पीटना शुरू कर दिया, जिससे वे घायल हो गए। योगेश पर छह सहयोगियों के साथ गैर इरादतन हत्या, घर में घुसने, दंगा करने और स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है।


पीड़ित दिनेश कुमार ने कहा, "जब से चुनाव संपन्न हुआ है, योगेश राज चुनाव में उनका समर्थन नहीं करने के लिए हमें परेशान कर रहा है। बदला लेने के इरादे से, वह अपने सहयोगियों के साथ, लाठी और धारदार हथियार के साथ आया था। बुधवार देर शाम सभी को पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने घर की महिलाओं को भी नहीं बख्शा। मेरे एक रिश्तेदार दिगंबर सिंह के सिर पर वार किया गया और उनकी हालत गंभीर है।"

गौरतलब है कि बुलंदशहर के स्याना में 3 दिसंबर, 2018 को गोहत्या की एक कथित घटना को लेकर हिंसा भड़क उठी थी। ग्रामीणों ने मवेशियों के शवों को ट्रैक्टर ट्राली में लादकर चिंगरावती पुलिस चौकी के सामने रख दिया, जिससे पुलिस और आक्रोशित युवकों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। जल्द ही, हिंसा भड़क उठी। बाद में हिंसा में स्याना थाने के थाना प्रभारी सुबोध सिंह और एक युवक सुमित सिंह की मौत हो गई।

पुलिस ने अपने आरोप पत्र में कहा कि योगेश और मामले के अन्य प्रमुख साजिशकर्ता लगातार संपर्क में थे और कुछ घंटों के भीतर कई कॉलों का आदान-प्रदान किया, जिससे हिंसा हुई। चार्जशीट में योगेश और अन्य सह-साजिशकर्ताओं को नामजद किया गया था। योगेश को हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जमानत दी थी और उसने पंचायत चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।

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