अग्निकांड: लखनऊ के होटल लेवाना को सील कर ध्वस्त करने के आदेश, आग लगने से 4 लोगों की गई थी जान, 20 हुए थे घायल

मंडलायुक्त के अनुसार होटल में फायर एस्केप प्रणाली का अभाव है। फसाड पर लोहे की ग्रिल हैं फिर भी एनओसी कैसे मिल गई यह जांच का विषय है। इसके अलावा होटल मालिक ने एलडीए को कोई स्वीकृत मानचित्र नहीं दिया। जोनल अधिकारी ने 26 मई 2022 में नोटिस भेजा।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

यूपी की राजधानी लखनऊ में होटल में लगी आग से चार की जान जाने के बाद योगी सरकार एक्शन में आ गई। मदन मोहन मालवीय मार्ग स्थित होटल लेवाना को एलडीए ने सील करने के साथ ध्वस्त करने के आदेश हुए है। शासन ने इस अग्निकांड में मंडलायुक्त और पुलिस आयुक्त को जांच सौंपी है। लखनऊ के हजरतगंज इलाके में स्थित होटल लेवाना को सील करने और विधिक प्रक्रिया पूरी करते हुए ध्वस्तीकरण के निर्देश मंडलायुक्त ने दिए हैं। प्राथमिक जांच में पाया गया कि लेवाना होटल का कमर्शियल नक्शा पास नहीं है।

मंडलायुक्त डा. रोशन जैकब ने होटल को सील कर ध्वस्त करने की कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही जिन होटलों ने एलडीए को नोटिस मिलने के बाद कोई दस्तावेज नहीं दिए हैं, उनको सील करने के निर्देश भी दिए हैं।

मंडलायुक्त और एलडीए अध्यक्ष डा. रोशन जैकब ने चिट्ठी में लिखा है कि इस होटल के बारे में उपाध्यक्ष ने जानकारी दी है। उसके अनुसार 12 मई को नोटिस के जवाब में लेवाना सूईट्स होटल ने 2021 से 2024 तक की अग्निशमन विभाग की फायर एनओसी प्रस्तुत की है।

मंडलायुक्त के अनुसार होटल में फायर एस्केप प्रणाली का अभाव है। फसाड पर लोहे की ग्रिल हैं फिर भी एनओसी कैसे मिल गई यह जांच का विषय है। इसके अलावा होटल मालिक ने एलडीए को कोई स्वीकृत मानचित्र नहीं दिया। जोनल अधिकारी ने 26 मई 2022 में नोटिस भेजा।

इस नोटिस का होटल ने जवाब भी नहीं दिया। इस पर होटल लेवाना की तरफ से कोई जवाब न देने पर 28 अगस्त 2022 को फिर नोटिस दी गई। कमिश्नर ने सीलिंग की कार्रवाई तुरंत करते हुए विधिक प्रक्रिया पूरी कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

कमिश्नर डॉ रोशन जैकब ने लिवाना होटल मालिकों पर भी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस दौरान फायर विभाग की कार्यप्रणाली पर भी उठाए गंभीर सवाल उठाए गए हैं। फायर एस्केप प्रणाली और लोहे की ग्रिल के बावजूद कैसे एनओसी दे दी गई है।


उधर इस मामले में एलडीए के 22 इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। इसके अलावा बिल्डर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करा दी गई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएम योगी ने यूपी के सभी जिलों में तीन दिवसीय अभियान चलाकर अग्निशमन सुरक्षा के मानकों के आधार पर होटल, स्कूल, अस्पताल, मॉल, औद्योगिक संयंत्र, आवासीय मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट तथा व्यावसायिक कॉम्पलेक्स की जांच करने के निर्देश दिए हैं।

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