दिल्ली में बाढ़, पॉश इलाके भी चपेट में, सिविल लाइंस के घरों में घुसा पानी, ISBT बस अड्डा से यमुना घाट तक पानी-पानी
यमुना का पानी लगातार बढ़ने से मजनू का टीला, कश्मीरी गेट, यमुना बाजार, गीता कॉलोनी और मयूर विहार जैसे इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

दिल्ली में बाढ़ का संकट लगातार गहराता जा रहा है। यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। मौसम विभाग ने आज भी दिल्ली-एनसीआर में बारिश की संभावना जताई है। इस बीच नदी का उफान राजधानी के कई निचले इलाकों में तबाही मचा रहा है।
राजधानी के निचले इलाके जलमग्न
यमुना का पानी लगातार बढ़ने से मजनू का टीला, कश्मीरी गेट, यमुना बाजार, गीता कॉलोनी और मयूर विहार जैसे इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। पुराना लोहा पुल और ISBT इलाके में भी पानी भर गया है। कालिंदी कुंज में भी यमुना का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। मदनपुर खादर, जौतपुर खंडा कॉलोनी के निचले इलाके में पानी भर गया है। यहां के लोग सड़क पर रहने को मजबूर हैं। अब तक 14,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और बड़े स्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी है।
पॉश इलाकों तक पहुंचा बाढ़ का पानी
दिल्ली के पॉश इलाके भी अब बाढ़ से अछूते नहीं रहे।
सिविल लाइंस क्षेत्र, जहां मुख्यमंत्री आवास स्थित है, वहां कई घर पानी में डूब गए हैं।
बाढ़ का पानी दिल्ली सचिवालय तक पहुंच गया है, जहां मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के दफ्तर हैं।
आईटीओ, गीता कॉलोनी और मयूर विहार में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां प्रभावित लोगों को शरण दी जा रही है।
घाट और श्मशान घाट डूबे
यमुना का जलस्तर बढ़ने से वासुदेव घाट, निगम बोध घाट और मॉनेस्ट्री पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं।
निगम बोध घाट और गीता कॉलोनी श्मशान घाट में पानी भर गया है।
हालत यह है कि लोग अब फुटपाथ पर अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं।
निगम बोध घाट को प्रशासन ने बंद कर दिया है और लोगों को पंचकुइयां श्मशान घाट भेजा जा रहा है।
ट्रैफिक पर असर, लोहे का पुल बंद
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने जानकारी दी है कि बढ़ते जलस्तर को देखते हुए 2 सितंबर 2025 से पुराना लोहे का पुल पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
पुल पर न तो गाड़ियों और न ही पैदल यात्रियों की आवाजाही की अनुमति है।
पुलिस ने वैकल्पिक मार्गों के लिए ट्रैफिक डायवर्जन जारी किया है।
राहत शिविरों में भी पानी, मुश्किलें बढ़ीं
यमुना बाजार और मयूर विहार जैसे इलाकों में बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाए गए राहत शिविरों तक पानी पहुंच गया है।
यमुना बाजार में लगाए गए टेंट अब पानी में तैरने लगे हैं।
प्रशासन को नए राहत केंद्रों की व्यवस्था करनी पड़ रही है।
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