लगातार बारिश से उत्तर भारत के कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति, पंजाब में ‘हाई अलर्ट’, हिमाचल में भी भारी नुकसान

पंजाब में भारी बारिश को देखते हुए राज्य सरकार ने सोमवार को ‘रेड अलर्ट’ जारी कर दिया था। पंजाब में मंगलवार को स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। पंजाब सरकार ने जिला नियंत्रण कक्ष को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सक्रिय कर दिया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर आदि कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। मिली जानकारी के मुताबिक, इस बारिश में अब तक 11 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

पंजाब में भारी बारिश को देखते हुए राज्य सरकार ने सोमवार को ‘रेड अलर्ट’ जारी कर दिया था। पंजाब में मंगलवार को स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। पंजाब सरकार ने जिला नियंत्रण कक्ष को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सक्रिय कर दिया है। साथ ही सेना को आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है। जिला प्रशासनों को संभावित बाढ़ वाले इलाकों में बचाव अभियान के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राज्य में संभावित बाढ़ से निपटने के लिए सोमवार को समीक्षा बैठक बुलाई थी जिसमें इसके अलावा भी कई फैसले लिए गए।

कृषि विशेषज्ञों की राय है कि कि पंजाब और हरियाणा में भारी बारिश से खरीफ की फसल को नुकसान हो सकता है। ऐसी खबरें हैं कि खेतों में खड़ी धान और कपास की फसल काटने के लिए तैयार थी, लेकिन बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद हो गई।

चंडीगढ़ में लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से सुखना झील का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया, जिसके बाद प्रशासन की ओर से झील के आपातकालीन फ्लड गेट्स खोलने के आदेश जारी कर दिए गए। इससे पहले 2008 में फ्लड गेट्स खोले गए थे। चंडीगढ़ में कई जगह जलभराव हो गया है। हरियाणा के पंचकुला और पंजाब के मोहाली से सटे इलाकों में भी प्रशासन को जलभराव की शिकायतें मिल रही हैं। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में पवित्र जल का स्तर भी बढ़ गया है जिससे वहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए समस्याएं पैदा हो गई हैं।

हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ की स्थिति बन गई है। कुल्लू जिले में 'हाई अलर्ट’ भी जारी कर दिया गया है। कांगड़ा, चंबा, कुल्लू और मंडी सहित अन्य स्थानों पर निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। उनसे सतर्क रहने को भी कहा जा रहा है, क्योंकि नदियों और नालों में जलस्तर बढ़ रहा है।

मौसम विभाग ने मध्यम ऊंचाई के पहाड़ी वाले इलाकों और मैदानी इलाकों में भारी बारिश का पूर्वानुमान किया है, जबकि ऊपरी पवर्तीय क्षेत्रों में बर्फबारी का पूर्वानुमान किया गया है।

उत्तराखंड में भी ज्यादातर स्थानों पर भारी बारिश जारी है। लगातार बारिश के कारण पहाड़ों से मलबा और पत्थर गिरने के कारण बदरीनाथ, केदारनाथ और यमुनोत्री जाने वाले मार्गों के अलावा कई अन्य मार्ग भी बाधित हो गए हैं। भूस्खलन से चार धाम यात्रा भी प्रभावित हुई है। देहरादून, हरिद्वार, पौडी, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर सहित प्रदेश के ज्यादातर स्थानों पर बारिश दर्ज की गई है।

जम्मू-कश्मीर के डोडा और कठुआ जिले में भी दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बाढ़ में फंसे कई लोगों के सुरक्षित बचा लिया गया है। पानी छोड़ने के लिए रंजीत सागर बांध के दरवाजों को भी खोला गया है।

(चंडीगढ़ से बिपिन भारद्वाज के इनपुट के साथ)

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Published: 25 Sep 2018, 3:27 AM