तस्करी, यौन शोषण की शिकार विदेशी लड़कियां निजी आश्रय गृह से गायब, दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस से मांगा जवाब

उज्बेकिस्तान की सात महिलाओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें नौकरी के बहाने भारत लाया गया था, लेकिन उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया। उन्हें धमकाया गया और पीटा गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में उन्हें अलग-अलग मालिकों को बेंचा गया और बार-बार रेप किया गया।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारत में तस्करी और वेश्यावृत्ति की शिकायत करने वाली 7 उज्बेक लड़कियों में से 5 के एक निजी आश्रय गृह से लापता होने के बाद दिल्ली महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुए नई दिल्ली उपायुक्त को समन जारी कर मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की स्थिति की जानकारी भी मांगी है।

इसके साथ ही आयोग ने लड़कियों के लापता होने के मामले में दर्ज प्राथमिकी की प्रति के साथ पुलिस द्वारा लापता लड़कियों का पता लगाने और उन्हें बरामद करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। आयोग ने पुलिस से पूछा है कि पासपोर्ट सहित उनके पहचान दस्तावेजों को तस्करों से छुड़ाकर लड़कियों को वापस क्यों नहीं किया गया।

दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने निजी शेल्टर होम को नोटिस भी जारी किया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि शेल्टर होम से लड़कियां किन परिस्थितियों में लापता हुई हैं। स्वाति मालीवाल ने कहा कि सात उज्बेक लड़कियों ने तस्करी और वेश्यावृति से जुड़े एक बड़े अंतरराष्ट्रीय रैकेट का पर्दाफाश किया था। दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन सभी आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार नहीं किया गया और तस्करों से लड़कियों के पासपोर्ट बरामद नहीं किए गए। बड़ी मुश्किल से और एक कठिन परीक्षा से गुजरने के बाद ये लड़कियां भागने में सफल रहीं। लड़कियों ने आरोप लगाया था कि तस्करों ने बंदूक लेकर भी उनका पीछा किया था। अब शेल्टर होम से 7 में से 5 लड़कियां लापता हो गई हैं।


मालीवाल ने कहा कि मुझे इस बात की चिंता है कि तस्करों ने इसकी साजिश रची होगी क्योंकि उन सभी को अभी गिरफ्तार किया जाना बाकी है। मैंने दिल्ली पुलिस को समन जारी किया है। मैं चाहती हूं कि वे इन 5 लड़कियों को आयोग के सामने पेश करें, सभी तस्करों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें और लड़कियों के पासपोर्ट बरामद करें। राजधानी में चल रहे ऐसे अंतरराष्ट्रीय सेक्स रैकेट के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

आयोग के मुताबिक, उज्बेकिस्तान की सात महिलाओं ने अंतरराष्ट्रीय तस्करी और वेश्यावृत्ति रैकेट की शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें नौकरी दिलाने के बहाने भारत लाया गया था, लेकिन जब वे यहां पहुंचीं तो उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया। जब वे भारत पहुंचीं तो उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया और जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उन्हें धमकाया गया और पीटा गया और कहा गया कि उन्हें पकड़कर जेल में डाल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में रहने के दौरान उन्हें अलग-अलग मालिकों को बेंचा गया और बार-बार बलात्कार किया गया।

दरअसल आयोग ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था, जिन्होंने बताया कि चाणक्यपुरी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी और 3 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था। हालांकि लड़कियों ने 10 आरोपियों का नाम लिया था और उनमें से 7 को गिरफ्तार किया जाना बाकी था।

लड़कियों को अपने देश वापस जाने के लिए अपने दस्तावेजों की सख्त जरूरत थी, लेकिन दिल्ली पुलिस इसकी व्यवस्था करने में असमर्थ रही। साथ ही लड़कियों को एक आश्रय गृह में भेज दिया गया, जहां वे तब से रह रही थीं। अब आयोग को पता चला है कि पिछले कुछ दिनों से शेल्टर होम से 5 लड़कियां गायब हैं।

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