बिहार में 'पलटी' मारकर NDA के साथ सरकार तो बना ली, लेकिन इन चुनौतियों से कैसे निपटेंगे सीएम नीतीश कुमार?

मौजूदा सरकार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं तो सम्राट और विजय सिन्हा उप मुख्यमंत्री हैं। ऐसे भी इन दोनों की पार्टी में 'हार्ड लाइनर ' की छवि बनी हुई है। ऐसे में नीतीश कुमार को इनसे सामंजस्य बनाए रखना बड़ी चुनौती है। बीजेपी एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बिहार में एनडीए की सरकार बन गई और नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री भी बन गए, लेकिन नीतीश को इस नए कार्यकाल में सरकार में शामिल दलों या एनडीए में शामिल सहयोगियों से सामंजस्य बनाए रखना बड़ी चुनौती मानी जा रही है।

इसमें कोई शक नहीं है कि बिहार में बीजेपी अभी पहले से सबसे अधिक मजबूत स्थिति में है और एनडीए के घटक दलों में नीतीश कुमार के कट्टर राजनीतिक विरोधी लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान भी हैं। नई सरकार में बीजेपी के सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। ये दोनों नीतीश के कट्टर विरोधी माने जाते हैं।

सम्राट चौधरी तो अपने सिर पर मुरेठा बांध कर यह तक कहते आ रहे थे कि यह तभी खुलेगा जब नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटा लेंगे। उप मुख्यमंत्री बने विजय सिन्हा भी विधानसभा अध्यक्ष रहते सदन के भीतर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनकी तल्खी चर्चा में रही थी। तब भी नीतीश एनडीए सरकार की ही अगुवाई कर रहे थे।

वर्तमान एनडीए सरकार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं तो सम्राट और विजय सिन्हा उप मुख्यमंत्री हैं। ऐसे भी इन दोनों की पार्टी में 'हार्ड लाइनर ' की छवि बनी हुई है। ऐसे में नीतीश कुमार को इनसे सामंजस्य बनाए रखना बड़ी चुनौती है। बीजेपी एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी है।


इस बीच, सरकार में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी भले ही चार विधायकों की पार्टी हो, लेकिन उन्होंने दो मंत्री पद की मांग कर विरोधी तेवर के संकेत दे भी दिए हैं। उन्होंने साफ लहजे में यहां तक कह दिया कि अगर ऐसा नहीं होता है तो यह उनकी पार्टी के साथ अन्याय होगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि महागठबंधन में उन्हें सीएम बनाने की बात हुई थी। मांझी के इस बयान के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने मांझी को महागठबंधन में आने और सीएम बनाने का न्योता भी दे दिया।

इधर, एलजेपी (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी साफ कहते हैं कि हमारी नीतीश कुमार से कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। सरकार अगर सही ढंग से चलेगी तो हम साथ हैं। बहरहाल, एनडीए की नई सरकार बने करीब एक सप्ताह हो चुके हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी से नीतीश कुमार से मुलाकात भी हो चुकी है, लेकिन इस मुलाकात में दिल कितना मिला यह आने वाला समय बताएगा। लेकिन, इतना जरूर है कि नीतीश के लिए इस सरकार में सहयोगियों के साथ सामंजस्य बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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