मणिपुर हिंसा की पूर्व सेना प्रमुख ने लीबिया-सीरिया से की तुलना, कहा- राज्य को उसके हाल पर छोड़ दिया गया

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एल निशिकांत सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, "लोगों की जिंदगी, उनकी संपत्ति कभी भी किसी के द्वारा नष्ट की जा सकती है जैसे कि लीबिया, लेबनान, नाइजीरिया और सीरिया आदि देशों में। ऐसा लग रहा है कि मणिपुर को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है।"

मणिपुर के एक गांव की तस्वीर, जहां भीड ने आग के हवाले कर दिया है। फोटो: @davidlms25
मणिपुर के एक गांव की तस्वीर, जहां भीड ने आग के हवाले कर दिया है। फोटो: @davidlms25
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नवजीवन डेस्क

मणिपुर में हिंसा और तनाव जारी है। मणिपुर में हिंसा रोकने के सभी प्रयास अभी तक बेकार साबित हो रहे हैं। इस बीच मणिपुर में उपजे हालातों पर पूर्व सैन्य अधिकारियों ने भी चिंता जाहिर की है। पूर्व सेना प्रमुख वेद प्रकाश मलिक ने केंद्र सरकार से मणिपुर के हालात पर तुरंत ध्यान देने की अपील की है। वहीं एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी ने मणिपुर के मौजूदा हालात की तुलना सीरिया और लीबिया जैसे हिंसाग्रस्त देशों से कर दी है।

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एल निशिकांत सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, "मैं एक आम भारतीय हूं और एक रिटायर्ड जिंदगी जी रहा हूं। राज्य में कानून व्यवस्था समाप्त हो चुकी है। लोगों की जिंदगी, उनकी संपत्ति कभी भी किसी के द्वारा नष्ट की जा सकती है जैसे कि लीबिया, लेबनान, नाइजीरिया और सीरिया आदि देशों में। ऐसा लग रहा है कि मणिपुर को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है। क्या कोई सुन भी रहा है?"


वहीं पूर्व सेना प्रमुख वेद प्रकाश मलिक ने कहा कि 'मणिपुर के एक रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल से बात हुई और वह बहुत दुखी थे। मणिपुर में कानून व्यवस्था पर शीर्ष स्तर पर तुरंत  ध्यान देने की जरूरत है।' 

बता दें कि हिंसा का असर देखें तो कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 42 दिनों से जारी इस हिंसा में अब तक 107 लोग मारे जा चुके हैं। 400 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। जगह-जगह आगजनी की घटनाएं सामने आ रहीं हैं। 80 हजार से ज्यादा लोग अपने घरों को छोड़कर कैंप में रहने को मजबूर हैं। 

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