पूर्व टेरी प्रमुख आरके पचौरी का निधन, जलवायु परिवर्तन के खतरे पर चर्चा शुरू कराने का जाता है श्रेय

विश्व के जानेमाने पर्यावरणविद और टेरी के पूर्व प्रमुख आरके पचौरी का लंबी बीमारी के बाद देर शाम दिल्ली के अस्पताल में निधन हो गया। 79 वर्षीय पचौरी की मंगलवार को ओपन हार्ट सर्जरी की गई थी, जिसके बाद से उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था।

फोटोः सोशल मीडिया
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आसिफ एस खान

द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के पूर्व प्रमुख और विख्यात पर्यावरणविद डॉ आर के पचौरी का गुरुवार देर शाम निधन हो गया। 79 वर्षीय पचौरी पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मंगलवार को दिल्ली के एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट उनकी ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी। लेकिन तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। पचौरी को पिछले साल जुलाई में ही मैक्सिको में दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद से उनकी हालत लगातार खराब चल रही थी।

पर्यावरणविद डॉ आर के पचौरी के निधन की जानकारी टेरी की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी गई। पचौरी द्वारा स्थापित टेरी की ओर से ट्वीट में कहा गया कि 'बड़े दुख के साथ हम यह जानकारी दे रहे हैं कि टेरी के संस्थापक निदेशक डॉक्टर आरके पचौरी का निधन हो गया है। पूरा टेरी परिवार इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ा है।'


पचौरी के निधन पर टेरी के चेयरमैन नितिन देसाई ने दुख जताते हुए कहा कि पचौरी के जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के अंतर मंत्रालय पैनल (आईपीसीसी) क चेयरमैन रहने के दौरान ही वैश्विक मंच पर जलवायु परिवर्तन को लेकर चर्चा शुरु हुई, जिससे आज संरक्षण के उपायों पर बहस की जमीन तैयार हुई। देसाई ने बताया कि पचौरी साल 2002 से 2015 तक आईपीसीसी के चेयरमैन रहे। उनके कार्यकाल दौरान ही आईपीसीसी और पूर्व अमरीकी उप राष्ट्रपति अल गोर को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाज़ा सम्मानित किया गया था।

साल 2015 में पचौरी की जगह टेरी प्रमुख का पद संभालने वाले डॉक्टर अजय माथुर ने उनके निधन पर दुख जताते हुए कहा कि आज टेरी जो कुछ भी है और जहां भी है, वह डॉक्टर पचौरी की मेहनत की बदौलत ही है। उन्होंने टेरी को एक शीर्ष संस्थान बनाने में अहम भूमिका निभाई। बता दें कि 2015 में एक पूर्व महिला सहयोगी द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद डॉक्टर पचौरी ने टेरी के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था।

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Published: 13 Feb 2020, 11:27 PM