26 अगस्त तक सीबीआई कस्टडी में रहेंगे पी चिदंबरम, हर दिन 30 मिनट तक वकीलों से मिलने की इजाजत 

पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम को सीबीआई ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया। कोर्ट ने अपने फैसले में चिदंबरम को 26 अगस्त तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। इस दौरान पी चिदंबरम अपने वकील से रोजाना करीब 30 मिनट मिल सकेंगे।

फोटो: विपिन 
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नवजीवन डेस्क

पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम को सीबीआई ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया। कोर्ट ने अपने फैसले में चिदंबरम को 26 अगस्त तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। इस दौरान पी चिदंबरम अपने वकील से रोजाना करीब 30 मिनट मिल सकेंगे। वहीं परिवार के सदस्य भी हर दन 30 मिनट तक उनसे मिल सकेंगे। बता दें कि सीबीआई ने चिदंबरम से पूछताछ के लिए उनकी 5 दिनों की हिरासत की मांगी की थी।

फैसले से पहले सीबीआई अदालत में जोरदार बहस हुई। पी चिदंबरम की तरफ से वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने बहस करते हुए कहा कि इस मामले में पहली गिरफ्तारी पूर्व केंद्रीय मंत्री के बेटे कार्ति के चार्टर्ड अकाउंटेंट भास्कर रमन की हुई थी, जो अभी जमानत पर जेल से बाहर हैं। सिब्बल ने कहा कि उसके अलावा मामले के अन्य आरोपी पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी को भी जमानत मिल चुकी है लेकिन अन्य मामले में वे जेल में हैं।


सिब्बल ने कहा कि जमानत प्रदान करना एक नियम है और अदालत के समक्ष मुद्दा व्यक्तिगत स्वतंत्रता का है। पूछताछ के लिए चिदंबरम को 5 दिनों की हिरासत में सौंपे जाने की सीबीआई के मांग का विरोध करते हुए उन्होंने ये दलील दी। इससे पहले जांच एजेंसी ने अदालत से यह अनुरोध किया था कि चिदंबरम को सीबीआई की 5 दिन की हिरासत मिले।

सीबीआई की दलीलों का विरोध करते हुए सिब्बल ने दलील दी कि एजेंसी ने जो कुछ कहा है उसे 'अकाट्य सत्य' के तौर पर नहीं लिया जा सकता। सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम से 12 सवाल पूछे गए और वह उनमें से 6 का जवाब पहले ही दे चुके हैं।


सिब्बल ने कहा, 'जांचकर्ता नहीं जानते कि क्या पूछना है और उनके पास सवाल भी तैयार नहीं हैं। बुधवार रात गिरफ्तारी के बाद चिदंबरम से पूछताछ गुरुवार की सुबह 11 बजे की गई। उन्हें रात को सोने भी नहीं दिया गया।' कोर्ट में बहस के दौरान चिदंबरम ने कहा कि वह पिछले 24 घंटों से नहीं सोए हैं।

सिब्बल ने कहा कि गुनाह कबूल ना करने का मतलब ये नहीं है कि चिदंबरम सहयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे में जरूरी नहीं कि चिदंबरम हर बात में हां बोलें। अगर चिदंबरम असहयोग कर रहे थे तो हाई कोर्ट के सामने ये बातें क्यों नहीं कहीं गईं। जब भी सीबीआई और ईडी ने चिदंबरम को बुलाया वो हाजिर हुए।

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Published: 22 Aug 2019, 7:23 PM