गोमूत्र छिड़कने से नहीं मिली आजादी, 2024 में उन्हें दफन करें, जिनका स्वतंत्रता संग्राम से नाता नहीं: उद्धव ठाकरे

उद्धव ठाकरे ने आज रत्नागिरी में बीजेपी पर जमकर हमला बोला और सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस की तरह बाला साहेब ठाकरे का नाम चुराने का आरोप लगाया। उन्होंने बीजेपी को बिना शिवसेना के नाम और बिना बाला साहेब ठाकरे की फोटो के मोदी के नाम पर वोट मांगने की चुनौती दी।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज रत्नागिरी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए एक तरह से महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के अभियान का बिगुल फूंक दिया। उन्होंने बीजेपी और एकनाथ शिंदे पर तीखे प्रहार करते हुए उन्हें एक बार फिर चोर बताया और उन्हें चुनावों में शिवसेना के नाम और बाला साहेब ठाकरे के फोटो के बिना पीएम मोदी के नाम पर वोट मांगने की सीधी चुनौती दे दी।

उद्धव ने बीजेपी-आरएसएस की दुखती रग दबाते हुए कहा कि क्या गोमूत्र छिड़क कर हमारे देश को आजादी मिली थी? क्या ऐसा हुआ था कि गोमूत्र छिड़का गया और हमें आजादी मिली? ऐसा नहीं था, स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी तब हमें आजादी मिली। साथ ही कहा कि हमें तय करना है कि जिन लोगों का स्वतंत्रता संग्राम से कोई संबंध नहीं और जो पशु प्रवृत्ति के हैं उन्हें 2024 में दफन कर देना चाहिए। हमें शपथ लेना होगा कि हम भारत माता को गुलामी के चंगुल में नहीं फंसने देंगे। अगर हमने ऐसा नहीं किया तो 2024 का चुनाव आखिरी होगा।


उन्होंने बीजेपी के साथ एकनाथ शिंदे को भी घेरते हुए कहा कि लोग एक बात का ध्यान रखें कि जिन लोगों ने हमारा 'धनुष-बाण' (पार्टी चिन्ह) चुराया और अब वोट मांगने आ रहे हैं, वे चोर हैं। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया, उन्होंने सरदार पटेल का नाम चुरा लिया। इसी तरह, उन्होंने सुभाष चंद्र बोस को चुरा लिया और बाला साहेब ठाकरे के साथ भी ऐसा ही किया। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि बिना शिवसेना के नाम पर और बिना बाला साहेब ठाकरे की फोटो के वे मोदी के नाम पर वोट मांगें।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं उन लोगों को चुनौती देता हूं, जिन्होंने धनुष-बाण (पार्टी चिन्ह) चुराया कि सामने आएं और मैं मशाल लेकर आपके सामने आता हूं। महाराष्ट्र जो तय करेगा वो मैं करूंगा, अगर आप लोग मुझे घर जाने के लिए कहेंगे तो मैं चला जाऊंगा। लेकिन अगर चुनाव आयोग जो सत्ता में बैठे लोगों का गुलाम है, मुझसे ऐसा करने के लिए कहेगा, तो मैं घर पर नहीं बैठूंगा।

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