शिवसेना के चुनाव चिन्ह को फ्रीज करना, लोकतंत्र को फ्रीज करने जैसाः कपिल सिब्बल

शनिवार को एक अंतरिम आदेश में चुनाव आयोग ने कहा कि एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दोनों समूहों में से किसी को भी 'शिवसेना' के नाम का उपयोग और दोनों समूहों में से किसी को भी 'धनुष और तीर' के चुनाव चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना के दो गुटों में जारी तनातनी के बीच पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह को फ्रीज करने के एक दिन बाद वरिष्ठ अधिवक्ता और निर्दलीय सांसद कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र को फ्रीज करने जैसा है। चुनाव आयोग पर्दे के पीछे सरकार का काम करता है, वे इसे चुनाव आयोग कहते हैं!

साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के इशारों पर काम करने वाली संस्थाओं पर शर्म आती है!कपिल सिब्बल ने रविवार को अपने एक ट्वीट में कहा, "चुनाव आयोग ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह को फ्रीज किया। यह लोकतंत्र को फ्रीज करने जैसा है। धनुष और तीर का चुनाव चिन्ह उद्धव के नेतृत्व वाली असली शिवसेना का है।"


शनिवार को एक अंतरिम आदेश में चुनाव आयोग ने शिवसेना के धनुष और तीर के चिन्ह को यह कहते हुए फ्रीज कर दिया कि आयोग वर्तमान उप-चुनावों के होने और विवाद के अंतिम निपटारे तक यह अंतरिम आदेश देता है। इसने कहा कि एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दो समूहों में से किसी को भी 'शिवसेना' के नाम का उपयोग और दोनों समूहों में से किसी को भी 'धनुष और तीर' के चुनाव चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

दोनों समूहों को ऐसे नामों से जाना जाएगा जो वे अपने संबंधित समूहों के लिए चुन सकते हैं, जिसमें यदि वे चाहें तो अपनी मूल पार्टी 'शिव सेना' के साथ जुड़ाव भी शामिल है और दोनों समूहों को ऐसे अलग-अलग चिन्ह भी आवंटित किए जाएंगे जो वे वर्तमान उपचुनावों के उद्देश्य से चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचित चिन्हों की सूची में हैं।

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