सोने से लेकर पेट्रोल-डीजल और ज़ोमैटो के कैश-ऑन-डिलीवरी के भुगतान तक में बढ़ गई है ₹2000 के नोट की खपत

₹2000 के नोट वापस लेने में आरबीआई ने भले ही कई किस्म के नियम बना दिए हैं, लेकिन फिर भी इन नोटों को वापस लेने का असर तो पड़ ही रहा है। वैसे कल से शुरु होने वाला है इन्हें बैंक से बदलने का काम।

2000 के नोटों से गहनों की खरीदारी में तेजी आई है (फोटो : Getty Images)
2000 के नोटों से गहनों की खरीदारी में तेजी आई है (फोटो : Getty Images)
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आदित्य आनंद

आरबीआई द्वारा ₹2,000 के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने के ऐलान के बादसे ही बड़ी संख्या में लोग इन नोटों को खर्च करने में जुटे हैं। कई जगह लोग खरीदारी के बाद भुगतान के लिए ₹2,000 के नोट ही पेश कर रहे हैं। इन नोटों को सबसे ज्यादा गहने खरीदने (सोना-चांदी की खरीदारी), पेट्रोल-डीजल भरवाने और यहां तक कि जोमैटे जैसे फूड डिलीवरी आदि के लिए भी खपा रहे हैं।

जोमैटो ने सोमवार को बताया कि शुक्रवार को जब से आरबीआई ने इन नोटों को वापस लेने का ऐलान किया है उसके बाद से उसके कैश ऑन डिलीवरी का 72 फीसदी भुगतान ₹2,000 के नोटों से किया जा रहा है। जोमैटो के इस खुलासे से स्पष्ट हो जाता है कि आरबीआई के ऐलान का क्या असर रहा है और इससे उपभोक्ताओं के भुगतान व्यवहार में क्या बदलाव आया है।

यह तस्वीर भी सोशल मीडिया पर लोगों ने शेयर की है
यह तस्वीर भी सोशल मीडिया पर लोगों ने शेयर की है

कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि दिल्ली, यूपी, हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में कम से कम 6 डीलरशिप पर पेट्रोल-डीजल का भुगतान लोगों ने ₹2,000 के नोटों में करना शुरु कर दिया है। इन पंपों को मालिकों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि ग्राहक अधिकतर ₹2,000 के नोट से ही भुगतान कर रहे हैं।

इस नए ट्रेंड को देखते हुए उत्तर प्रदेश के कई पेट्रोल पंपों पर बोर्ड चिपका दिए गए हैं कि 1000 रुपए से कम की तेल खरीदारी पर ₹2,000 का नोट स्वीकार नहीं किया जाएगा। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके रिपोर्टर ने खुद कई पेट्रोल पंपों पर इस बारे में पुष्टि की है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को अचानक आरबीआई ने ऐलान कर दिया कि ₹2,000 का नोट अब चलन में नहीं रहेगा और इसे वापस लिया जाएगा। हालांकि आरबीआई ने यह भी कहा कि यह नोट कानूनी रूप से वैध रहेगा यानी रद्दी का कागज नहीं होगा।


आरबीआई ने सफाई दी कि ऐसा सिर्फ क्लीन नोट पॉलिसी के तहत किया जा रहा है और इन नोटों को 30 सितंबर तक या तो बैंकों में जमा कराया जा सकता है या फिर बदला जा सकता है। नोट बदलने के लिए अधिकतम सीमा ₹20,000 तय की गई है यानी एक बार में ₹2,000 के 10 नोट ही बदले जा सकेंगे। इसके बदले लोगों को छोटी कीमत वाले नोट दे दिए जाएंगे। यह काम कल यानी 23 मई से शुरु होगा।

उधर सुनारों के यहां भी भीड़ दिखने लगी है। ध्यान रहे कि चीन के बाद भारत सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। आरबीआई के फैसले के बाद से सुनारों के यहां ₹2,000 से गहने खरीदने की मांग बढ़ गई है। विश्व स्तर की एक ज्वेलरी शॉप पी एन गाडगिल एंड संस के सीईओ अमित मोदक का कहना है कि उनकी दुकान पर ग्राहकों से ₹2,000 के नोट लेने में कोई आनाकानी नहीं की जाएगी।

सोने से लेकर पेट्रोल-डीजल और ज़ोमैटो के कैश-ऑन-डिलीवरी के भुगतान तक में बढ़ गई है ₹2000 के नोट की खपत

उन्होंने कहा कि, “लेकिन वे इस बात का ध्यान रखेंगे कि आने वाले दिनों में सरकार द्वारा किसी किस्म की जांच में वे न फंसें और इसके लिए हम ग्राहकों से एक फॉर्म भरवा रहे हैं जिसमें उनका नाम, पता और अन्य जानकारी लिखी जाएंगी।” मोदक ने कहा कि ऐसा सिर्फ एहतियात के तौर पर किया जा रहा है ताकि भविष्य में किसी किस्म के नियमों के उल्लंघन का मामला न बने। उन्होंने कहा कि, “इस कदम से उनकी फर्म पी एन गाडगिल एंड संस उन सभी मुद्दों का ध्यान रख रही है जो ₹2,000 के नोट की वापसी के संबंध में आरबीआई ने कहे हैं।”

दरअसल ₹2,000 के नोटों की वापसी के ऐलान के बाद से इस बात पर बहस छिड़ गई है कि इससे कारोबारों और उपभोक्ताओं के बीच होने वाले रोजमर्रा के भुगतान पर क्या असर पड़ेगा। साथ ही यह भी बात हो रही है कि छोटे मूल्य के नोटों से क्या लाभ होगा। इस दौरान आरबीआई ने एक बार फिर लोगों से कहा है कि ₹2,000 के नोटों को बदलवाने या जमा कराने में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित होना चाहिए।


मुंबई में ज्वेलर्स का कहना है कि उनके ग्राहक वैसे तो उनके कारोबार का 30 फीसदी ही कैश में यानी नकद में भुगतान होता है क्योंकि अधिकतर लोग इलेक्ट्रॉनिक भुगतान तरीकों का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि अब डिजिटल भुगतान काफी आसान हो गया है।

विशेषज्ञों के मुताबिक ₹2,000 के नोट बहुत अधिक चलन में नहीं हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेस के कमोडिटीज हेड हरीश वी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि “₹2,000 के नोट बहुत अधिक सर्कुलेशन में नहीं हैं। जबकि नवंबर 2016 से पहले तक 1000 और 500 के पुराने नोटों के साथ ऐसा नहीं था।” उन्होंने संकेत दिया कि ₹2,000 के नोटों से सोना खरीदने की एक सीमा है, लेकिन निवेश के अन्य तरीके भी मौजूद हैं।

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