गीतांजलि श्री के उपन्यास 'रेत समाधि' को मिला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार, अपने नाम दर्ज कराया ये खास रिकॉर्ड

उपन्यास ‘रेत समाधि’ के लिए यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड जीतने वाली लेखिका गीतांजलि श्री उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से संबंध रखती हैं। श्री तीन उपन्यास और कई कथा संग्रह की लेखिका हैं। उनकी कृतियों का अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, सर्बियन और कोरियन भाषाओं में अनुवाद हुआ है।

गीतांजलि श्री, उपन्यास 'रेत समाधि', डेजी रॉकवेल की फाइल फोटो
गीतांजलि श्री, उपन्यास 'रेत समाधि', डेजी रॉकवेल की फाइल फोटो
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नवजीवन डेस्क

लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘रेत समाधि’ को अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज से नावाजा गया है। इसके साथ ही ‘रेत समाधि’ प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली किसी भी भारतीय भाषा की पहली किताब बन गई है। गुरुवार को लंदन में एक समारोह में लेखिका गीतांजलि श्री ने कहा कि मैं "बोल्ट फ्रॉम द ब्लू" से "पूरी तरह से अभिभूत" थीं। उन्होंने 50 हजार GBP का अपना पुरस्कार लिया और पुस्तक के अंग्रेजी अनुवादक, डेजी रॉकवेल के साथ इसे साझा किया।

उपन्यास ‘रेत समाधि’ को डेजी रॉकवेल ने अनुवाद किया है। ‘रेत समाधि’ दुनिया की उन 13 पुस्तकों में शामिल थी, जिसे अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए लिस्ट में शामिल किया गया था। यह हिंदी भाषा में पहला ‘फिक्शन’ है जो इस प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार की दौड़ में शामिल था।

गीतांजलि श्री ने कहा कि मैंने कभी बुकर का सपना नहीं देखा था, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं ऐसा कर सकती हूं। उन्होंने कहा कि कितनी बड़ी बात है, मैं चकित, खुश, सम्मानित और विनम्र हूं महसूस कर रही हूं। उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार के मिलने से एक अलग तरह की संतुष्टि है। श्री ने कहा ने कि 'रेत समाधि उस दुनिया के लिए एक शोकगीत है, जिसमें हम निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि बुकर निश्चित रूप से इसे कुछ लोगों तक पहुंचाएगा।

लेखिका गीतांजलि श्री ने कहा कि मेरे और इस पुस्तक के पीछे हिंदी और अन्य दक्षिण एशियाई भाषाओं में एक समृद्ध और साहित्यिक परंपरा है। उन्होंने कहा कि इन भाषाओं के कुछ अच्छे लेखकों को जानने के लिए विश्व साहित्य अधिक समृद्ध होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की बातचीत से जीवन की शब्दावली बढ़ेगी।


उपन्यास ‘रेत समाधि’ के लिए यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड जीतने वाली लेखिका गीतांजलि श्री उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से संबंध रखती हैं। श्री तीन उपन्यास और कई कथा संग्रह की लेखिका हैं। उनकी कृतियों का अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, सर्बियन और कोरियन भाषाओं में अनुवाद हुआ है। दिल्ली में रहने वाली 64 साल की लेखिका श्री की अनुवादक डेजी रॉकवेल एक पेंटर एवं लेखिका हैं जो अमेरिका में रहती हैं।

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