गोवा के कृषि मंत्री ने किसानों को पढ़ाया वैदिक पाठ, कहा, मंत्र पढ़ने से होगी अच्छी फसल

गोवा में फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने वैदिक तकनीक अपनाने की तैयारी की है। कृषि मंत्री विजय सरदेसाई ने कहा कि राज्य भर के किसानों को बताया जा रहा है कि अगर उन्हें अच्छी फसल चाहिए तो वह दिन में कम से कम 20 मिनट तक मंत्रोच्चार करें।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

एक ओर देश के किसान लगातार खुदकुशी कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी शासित राज्य गोवा के कृषि मंत्री विजय सरदेसाई ने अच्छी फसल के लिए किसानों को वैदिक मंत्रों का पाठ पढ़ाया है। राज्य भर के किसानों को बताया जा रहा है कि अगर उन्हें अच्छी फसल चाहिए तो वह दिन में कम से कम 20 मिनट तक ‘ओम रोम जम सह’ का पाठ करना होगा।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, कृषि मंत्री विजय सरदेसाई ने फतरोदा स्थित अपने आवास के पास स्थित एक खेत में मंगलवार को इसके पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इसका नाम शिव योग कॉस्मिक फारमिंग रखा गया है, जिसे केमिकल इंजीनियर से तांत्रिक बने डॉक्टर अवधूत शिवानंद के गुड़गांव स्थिति शिव योग फाउंडेशन ने डिजाइन किया है। सोशल मीडिया पर जारी यह ‘शक्ति’ वीडियो राज्य के किसानों के बीच वायरल हो गया है। खबरों के मुताबिक, सरदेसाई की पत्नी ऊषा इस फाउंडेशन की अनुयायी हैं।

खबरों के मुताबिक, कृषि मंत्री सरदेसाई इस प्रोजेक्ट को लॉन्च करते हुए कहा, “कृषि मंत्री होने के नाते मैं किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए हर विधि का उपयोग करूंगा। अगर आप मुझे इस बात का यकीन दिला देते हैं कि रॉक शो या ब्यूटी कॉन्टेस्ट से खेती के प्रति लोगों की रुचि बढ़ाने में मदद मिलेगी तो मैं इसे बीच खेत में आयोजित कराऊंगा। हमें अब ऐसे तरीकों पर ध्यान देने की जरूरत है, जिससे सभी की खेतीबाड़ी में रुचि बढ़े।”

उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी ऊषा शिव योगी है और वह उनमें से एक है जो इस दर्शन को प्रमोट कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले मैं भी उलझन में था, लेकिन यह कोई जादू नहीं है। इस विधी के पीछे लंबी स्टडी है। कृषि मंत्री ने बताया कि मेरी पत्नी ऊषा ने जनवरी में कृषि निदेशक नेल्सन फिगेरिएडो के साथ डॉ शिवानंद की एक घंटे की कार्यशाला में भाग लिया था। जहां उन्होंने मिट्टी की प्रणालन शक्ति के बारे में जाना था।

कृषि विभाग के अफसरों का कहना है कि फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए इस आध्यात्मिक एक्सरसाइज में उनकी भूमिका बहुत सीमित है। जहां जरूरत होगी, वहां ही उनकी मदद ली जाएगी। राज्य के किसानों को स्टेडियम में दो दिवसीय वर्कशॉप में शामिल होने के लिए बुलाया गया है। जिसमें शिव योग फाउंडेशन के प्रतिनिधि किसानों को मेडिटेशन के बारे में बताएंगे।

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