हरियाणा में चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए अच्‍छी खबर, विधानसभा में मिला मुख्‍य विपक्षी दल का दर्जा

आगामी 2 से 6 अगस्‍त तक हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में सदन का नजारा बदला होगा। क्योंकि विधानसभा में कांग्रेस को मुख्‍य विपक्षी दल का दर्जा मिल गया है। पहले जिस सीट पर पूर्व नेता विपक्ष अभय चौटाला बैठते थे उस पर अब कांग्रेस की नेता किरण चौधरी बैठेंगी।

फोटोः gettyimages
फोटोः gettyimages
user

धीरेंद्र अवस्थी

हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस को मुख्‍य विपक्षी दल का दर्जा मिल गया है। अगले विधानसभा सत्र में विधायकों के बैठने की नई व्‍यवस्‍था के मुताबिक नेता विरोधी दल की सीट पर कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी बैठेंगी। पहले जिन सीटों पर इनेलो के विधायक बैठते थे, उन पर अब कांग्रेस के विधायक बैठेंगे। विधानसभा अध्‍यक्ष कंवरपाल गुर्जर ने मानसून सत्र के लिए नया सिटिंग प्‍लान तय कर दिया है, जिसके बाद अब सदन में सत्‍ता पक्ष के सामने कांग्रेस होगी।

विधानसभा में पहले जिस सीट पर पूर्व नेता विपक्ष अभय चौटाला बैठते थे उस सीट पर अब कांग्रेस विधायक दल की नेता होने के नाते किरण चौधरी बैठेंगी। जिस सीट पर पूर्व इनेलो विधायक जाकिर हुसैन बैठते थे उस पर अब पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा बैठेंगे। सत्‍ता पक्ष के सामने की शेष जिन सीटों पर पहले विस में मुख्‍य विरोधी दल का दर्जा प्राप्‍त इनेलो के विधायक बैठते थे, अब उन पर कांग्रेस के विधायक बैठेंगे। दूसरी तरफ अब इनेलो के विधायक उन सीटों पर बैठेंगे जिन पर पहले कांग्रेस के विधायक बैठते थे।

आगामी 2 से 6 अगस्‍त तक चलने वाले इस सरकार के अंतिम सत्र में विधानसभा का नजारा पूरी तरह बदला नजर आएगा। इसके अलावा एक और विधायक का साथ इस बार विधानसभा में कांग्रेस को मिलता नजर आएगा। फिरोजपुर झिरका से इनेलो विधायक नसीम अहमद लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्‍होंने विधायक पद से इस्‍तीफा नहीं दिया था।

हालांकि, नसीम अहमद के खिलाफ रानिया से इनेलो विधायक रामचंद्र कंबोज ने दलबदल कानून के तहत शिकायत कर विधानसभा की सदस्‍यता रद्द करने की मांग स्‍पीकर से की थी, लेकिन कंबोज ने अब बीजेपी का दामन थामते हुए सदन की सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया है। उनका इस्‍तीफा स्‍वीकार होने के बाद अब वह विधानसभा के सदस्‍य नहीं है। लिहाजा, नसीम अहमद अभी भी विधायक होने के नाते विधानसभा के आगामी सत्र में भाग ले सकते हैं और कांग्रेस का साथ देते दिख सकते हैं।


दरअसल 19 विधायकों वाले इनेलो के कई विधायकों के एक-एक कर बीजेपी का दामन थाम लेने की वजह से विधानसभा में पार्टी को मुख्‍य विरोधी दल का दर्जा खोना पड़ा है। कांग्रेस 15 विधायकों के साथ अब हरियाणा विधानसभा में सत्‍ताधारी दल के बाद दूसरा सबसे बड़ा दल है। लिहाजा, उसे मुख्‍य विरोधी दल का दर्जा स्‍पीकर ने दिया है।

सोनीपत के गोहाना से कांग्रेस विधायक जगबीर सिंह मलिक का कहना है कि बेशक इनेलो के टूट जाने के चलते सदन में मुख्‍य विरोधी दल का दर्जा कांग्रेस को मिला है, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले यह हमारे लिए एक शगुन है। उन्होंने कहा, “बढ़े हुए मनोबल के साथ हम चुनाव में उतरेंगे और जीत हासिल करेंगे। विस सत्र में भी हम सरकार को घेरने वाले हैं। बसों की किलोमीटर स्‍कीम में घोटाले से लेकर ऐसे तमाम मसले हैं, जिसमें सरकार के शीर्ष स्‍तर के लोग शामिल हैं। यह सभी मामले हम मानसून सत्र में उठाएंगे।”

इनेलो की हालत ऐसी हो गई है कि पूर्व नेता विरोधी दल अभय चौटाला के साथ अब महज चार विधायक बचे हैं। हालांकि, कागजों में यह संख्‍या अभी भी 11 है। इन 11 में से 4 विधायक अजय चौटाला की पत्‍नी नैना चौटाला, अनूप धानक, पिरथी नंबरदार और राजदीप फौगाट देवीलाल के परिवार से निकली दूसरी पार्टी जननायक जनता पार्टी के साथ हैं। नागेंद्र भड़ाना बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं, जबकि नसीम अहमद कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।

90 सदस्‍यीय हरियाणा विधानसभा में बीजेपी के 47, इनेलो के 19, कांग्रेस के 15, जबकि निर्दलीय और अन्‍य विधायकों की संख्‍या 9 थी। हरियाणा विधानसभा में वर्तमान में 82 विधायक हैं, जबकि 8 स्‍थान खाली हैं। दो इनेलो विधायकों का निधन हो चुका है। एक बीजेपी विधायक नायब सिंह सैनी लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंच चुके हैं, जबकि अन्‍य सीटें विधायकों के इस्‍तीफा देने के चलते रिक्त हुई हैं।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia