कोविड से मौत के सरकारी आंकड़े सीआरएस के डेटा से मेल नहीं खाते, CPM सांसद ने नड्डा को लिखा पत्र
सीपीएम सांसद ब्रिटास ने अपने पत्र में कहा कि केंद्र सरकार के आंकड़े के अनुसार, कोरोनो वायरस से देश में लगभग 3.3 लाख लोगों की मौत हुई थी, जबकि सीआरएस के विश्लेषण और मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि अकेले 2021 में करीब 19.7 लाख लोगों की मौत हुई।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के सांसद जॉन ब्रिटास ने बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा को पत्र लिखकर दावा किया कि कोविड-19 से हुई मौत के सरकारी आंकड़े और हाल ही में जारी नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) के डेटा से मेल नहीं खाते हैं। उन्होंने मंत्री से जवाबदेही और पारदर्शीता की मांग की है।
सीपीएम के राज्यसभा सदस्य ब्रिटास ने अपने पत्र में कहा कि केंद्र सरकार के आंकड़े के अनुसार, कोरोनो वायरस से देश में लगभग 3.3 लाख लोगों की मौत हुई थी, जबकि सीआरएस के विश्लेषण और मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि अकेले 2021 में करीब 19.7 लाख लोगों की मौत हुई।
सीपीएम सांसद ने कहा कि कोविड से मौत का सीआरएस का आंकड़ा सरकारी आंकड़े की तुलना में लगभग छह गुना अधिक है। जे पी नड्डा को लिखे पत्र में उन्होंने इसे गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय बताया और आंकड़ों में अंतर को दूर करने के लिए जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग की।
इसके साथ ही सीपीएम सांसद जॉन ब्रिटास ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से कोविड-19 के सभी पीड़ितों के परिजन को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश का उचित और समावेशी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया। साल 2020 और फिर 2021 में कोरोना वायरस के कहर से देश में बड़े पैमाने पर मौत हुई थी।
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