मनरेगा श्रमिकों के अधिकारों पर कुल्हाड़ी चला रही सरकार, मजदूरी 400 रुपये और कार्यदिवस 150 किया जाएः खड़गे
खड़गे ने दावा किया कि करीब सात करोड़ पंजीकृत कामगारों को मनरेगा से ‘आधार’ आधारित भुगतान की शर्त लगा बाहर करना हो, या फिर 10 सालों में मनरेगा बजट का पूरे बजट के हिस्से में सब से कम आवंटन करना हो, मोदी सरकार ने मनरेगा पर लगातार चोट मारने का काम किया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ग्रामीण विकास संबंधी संसद की स्थायी समिति की अनुंशसाओं का उल्लेख करते हुए गुरुवार को मोदी सरकार पर एक के बाद एक मनरेगा मज़दूरों पर जुल्म ढाने पर उतारू होने का आरोप लगाते हुए केंद्र मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी को बढ़ाकर 400 रुपये और कार्यदिवस 150 करने की मांग की।
देश के ग्रामीण नागरिकों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। वर्तमान में कुछ राज्यों में मजदूरी दर 370 रू प्रति दिन है, जबकि कुछ में यह 234 प्रति दिन भी है। कांग्रेस सांसद सप्तगिरि उलाका की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि मनरेगा के तहत मजदूरी को पूरे देश में प्रतिदिन 400 रुपये किया जाए और कार्य दिवस को साल में 150 दिन किया जाए।
खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ऐसा लगता है कि जनविरोधी मोदी सरकार ने मनरेगा की मजदूरी बढ़ाने से इनकार कर दिया है। यह मनरेगा श्रमिकों के अधिकारों पर कुल्हाड़ी चलाना है।’’ उन्होंने कहा कि हाल ही में संयुक्त संसदीय समिति ने मनरेगा श्रमिकों की रोज़ाना मजदूरी को 400 रुपये प्रतिदिन करने की सिफारिश की थी। खड़गे ने इस बात का उल्लेख किया कि वर्ष 2023 में बनी अमरजीत सिन्हा समिति ने भी मजदूरी बढ़ाने और मनरेगा का बजट बढ़ाने का सुझाव दिया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘ग़रीब विरोधी’’ मोदी सरकार एक के बाद एक मनरेगा मज़दूरों पर जुल्म ढाने पर उतारू है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया, ‘‘क़रीब सात करोड़ पंजीकृत कामगारों को मनरेगा से ‘आधार’ आधारित भुगतान की शर्त लगा बाहर करना हो, या फिर 10 सालों में मनरेगा बजट का पूरे बजट के हिस्से में सब से कम आवंटन करना हो, मोदी सरकार ने मनरेगा पर लगातार चोट मारने का काम किया है।’’
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मनरेगा देश के सबसे ग़रीब परिवारों के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा लाया गया रोज़गार की गारंटी का अधिकार है। खड़गे ने कहा, ‘‘हम अपनी दो मांगों पर अडिग हैं। मनरेगा श्रमिकों के लिए रोज़ाना 400 रुपये की न्यूनतम मजदूरी तय की जाए और साल में कम से कम 150 दिन का काम मिले।’’
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