मीडिया चैनल अपने कार्यक्रमों में सायरन की आवाज का इस्तेमाल नहीं करें, सरकार ने जारी किया परामर्श
परामर्श में कहा गया है कि सायरन के नियमित इस्तेमाल से हवाई हमलों के सायरन के प्रति नागरिकों की संवेदनशीलता कम हो सकती है और वास्तविक हवाई हमलों के दौरान इसका इस्तेमाल होने पर नागरिक इसे सामान्य मामला समझ सकते हैं।

भारत-पाकिस्तान में सैन्य टकराव बढ़ने के बीच सरकार ने शनिवार को सभी मीडिया चैनलों को सलाह दी कि वे सामुदायिक जागरूकता अभियान के अलावा अपने कार्यक्रमों में नागरिक सुरक्षा के तहत हवाई हमले का संकेत देने वाले सायरन की आवाज का इस्तेमाल करने से बचें।
अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड महानिदेशालय ने एक परामर्श में कहा कि नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 1968 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, सभी मीडिया चैनलों से अनुरोध किया जाता है कि वे समुदाय को जागरुक करने के अलावा अपने कार्यक्रमों में नागरिक सुरक्षा हवाई हमलों के सायरन की आवाज का इस्तेमाल करने से परहेज करें।
परामर्श में कहा गया है कि सायरन के नियमित इस्तेमाल से हवाई हमलों के सायरन के प्रति नागरिकों की संवेदनशीलता कम हो सकती है और वास्तविक हवाई हमलों के दौरान इसका इस्तेमाल होने पर नागरिक इसे सामान्य मामला समझ सकते हैं। यह परामर्श भारत-पाकिस्तान में सैन्य टकराव बढ़ने के बीच जारी किया गया है।
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद से न्यूज चैनलों पर संघर्ष से जुड़ी खबरें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने की होड़ लगी है, जिसे सनसनीखेज बनाने के लिए शो में हवाई हमले के संकेत देने वाले सायरन की आवाजा का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसको लेकर कई पूर्व सैन्य अधिकारियों और वरिष्ठ पत्रकारों ने भी सोशल मीडिया पर चिंता जताते हुए आपत्ति जताई थी।
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